Posted by: हरदीप कौर संधु | अप्रैल 13, 2022

2249


कपिल कुमार

1

नर्म हाथों से

ओस ने दूब छुई

ज्यों कोई रुई। 

2

एक-दो क्षण

दूब से गले मिले

नीहार-कण। 

3

धरती खुश

नभ से चिट्ठी लाया

इंद्रधनुष। 

4

खुशी से भरे

नभ में सात रंग

इंद्रधनुष। 

5

बजा बिगुल

मेघों से जल माँगे

धरा व्याकुल। 

6

पाने सुकून

समुद्र से जा मिली

सूखी नदियाँ।

7

कचरा ढोएँ

बिना थके दौड़ती

नदियाँ रोए।

8

सूखी ज्यों नदी

बर्फ पिघला भेजे

ऊँचे पहाड़। 

9

तुंग पे बैठी

अँगड़ाई ले रही

धूप में बर्फ।

-0-


प्रतिक्रियाएँ

  1. बेहतरीन हाइकु, हार्दिक शुभकामनाएँ कपिल कुमार जी ।

  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14.03.22 को चर्चा मंच पर चर्चा – 4400 में दिया जाएगा| चर्चा मंच पर आपकी उपस्थिति चर्चाकारों का हौसला बढ़ाएगी
    धन्यवाद
    दिलबाग

  3. सुंदर सृजन के लिए कपिल जी को हार्दिक बधाई।

  4. अच्छे हाइकु के लिए बहुत बधाई कपिल जी

  5. सुंदर सृजन। बधाई कपिल जी।

  6. अत्यंत सुंदर… वाह… असीम बधाई आपको 🌹🌹🌹🙏

  7. तुंग पे बैठी
    अँगड़ाई ले रही
    धूप में बर्फ।
    अच्छे हाइकु-बधाई।
    नयी दृष्टि से उपजे नए बिम्ब को हाइकु में ढालने के लिए-शुभकामनाएँ।

  8. आप सभी का हार्दिक आभार!

  9. बहुत सुंदर सृजन। हार्दिक बधाई।

  10. बहुत सुंदर सृजन! बधाई कपिल जी।

  11. बहुत सुन्दर-सुन्दर हाइकु, बधाई कपिल जी.


रचनाओं से सम्बन्धित आपकी सार्थक टिप्पणियों का स्वागत है । ब्लॉग के विषय में कोई जानकारी या सूचना देने या प्राप्त करने के लिए टिप्पणी के स्थान पर पोस्ट न करके इनमें से किसी भी पते पर मेल कर सकते हैं- hindihaiku@ gmail.com अथवा rdkamboj49@gmail.com.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

श्रेणी