Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | अगस्त 18, 2021

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1-भीकम सिंह

1

सूर्य ज्यों चढ़ा

हो गए लथपथ

हिम के पथ।

2

बादल ओढ़े

पहाड़ पर चढ़े

हाँफते पथ।

3

झील के अंग

पत्थर चीर रहे

हवा के संग।

4

झील पे आते

सपने अँकुराते

सो नहीं पाते।

5

भोर में हवा

अलकें बिखराती

गूँथे जो मुआ।

6

माँग में हिले

जो गूँथकर कसी

राजसी हँसी।

7

स्वेद में तर

हंडे लिये जुगनू

दर-बदर।

8

हिम की ढाल

वर्षा की छुअन का

करे मलाल।

9

पुल के नीचे

झुँझलाई पवन

हिम को खींचे।

10

देखी सूर्य ने

जैसे घड़ी की सुई

हिमानी चुई।

11

जो भी-पत्थर

हवा की गोदी चढ़ा

उल्टा ही पड़ा।

-0-

2-रश्मि विभा त्रिपाठी ‘रिशू’

1

मैं प्रेम में हूँ

तू रंगा माया-रंग

बेमेल संग।

2

प्रेम प्राणों में

उड़ेले मकरंद

भीनी सुगंध।

3

प्रेम-प्रबंध

एकल अनुबन्ध

चित्त-निर्बंध।

4

मैं जाह्नवी-सी

ओ रे पाषाण मन

शिव-सा बन।

5

नि: शेष पृच्छा

पूर्ण हो प्रिय-इच्छा

यही शुभेच्छा।

6

चित्त-ग्रंथ की

लिपि को बाँचे कौन

अभेद्य मौन।

7

आएँ रिश्तों में

गलतफहमियाँ

बढें तल्खियाँ।

8

पारित करे

यामा तंद्रा-प्रस्ताव

स्वप्न-गुलाब।

9

न्यारा सुहास

नयनों में सुवास

स्वप्न-पलाश।

10

पलकों से जो

झरे तुम्हारे स्वप्न

नैना निमग्न।

11

सुरभि भरी

स्वप्नों की मौलसिरी

आँखों से झरी।

12

सावन में भू

धारे चूनर हरी

गाती कजरी।

13

प्रवहमान

श्रद्धा का अतिरेक

रुद्राभिषेक।

14

दुख से मुक्ति

मिले शिव के धाम

पीड़ा विराम।

15

भरे कलश

शुचि भाव जो दिखे

शंकर रीझे।

16

धरा जो आए

दूर्वा उठ बिछाए

हरा गलीचा।

17

धरा को भाई

मखमली चटाई

दूर्वा मुस्काई।

18

तापसी दूर्वा

श्री-चरण छू आज

चमके भाग।

19

भिनसार में

उजास ज्यूँ बिखरा

हर्षित धरा।

20

आस उर की

घटे-बढ़े नित्य ही

निशिकर-सी।

21

मानवता का

प्रतिमान तो गढ़ो

करुणा पढ़ो।

-0-


प्रतिक्रियाएँ

  1. प्रेम प्राणों में/उड़ेले मकरंद/भीनी सुगंध •• वाह प्रेम की ध्वनि में खनकते-से बेहतरीन हाइकु के लिए रश्मि विभा त्रिपाठी ‘रिशू’ को हार्दिक शुभकामनाएँ ।

  2. झील के अंग
    पत्थर चीर रहे
    हवा के संग।

    सुन्दर भावों से परिपूर्ण उत्कृष्ट हाइकु।
    हार्दिक बधाई आदरणीय।

    मेरे हाइकु को पसंद करने हेतु आपका हृदय तल से आभार।

    सादर

  3. बहुत सुंदर हायकु, अमृता दी।

  4. बहुत सुंदर बिम्ब अंकित करते अद्भुत हाइकु … भीकम जी बधाइयाँ स्वीकार करें

    रश्मि जी सभी हाइकु मनभावन … हार्दिक बधाइयाँ

  5. बहुत सुंदर शब्द्चित्रण … भीकम जी व रश्मि जी बधाइयाँ स्वीकार करें

  6. बहुत ही सुन्दर सृजन !
    भीकम जी व रश्मि जी को हार्दिक बधाई।

  7. बहुत सुन्दर हाइकु |
    भीकम जी और रश्मि , आप दोनों को बहुत बधाई |


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