Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | नवम्बर 2, 2012

एक और चाँद


7-सुशीला शिवराण

1

मेंहदी, चूड़ी
सजी है सुहागन
चाँद निहारे !

2

चाँद को अर्घ्य
अखंड हो सुहाग
कहे सजनी ।

3

शृंगार मेरा
पिया तेरी ही प्रीत
शेष है रीत !

4
सजा मेंहदी
बिंदी, कजरा, माँग
पूजूँ मैं चाँद ।
5

रची मेंहदी
सुर्ख रंग में बसा

पिया का प्यार !
6
चंदा की उम्र
लगे मेरे चाँद को
होंठों पे दुआ !
-0-

8-डॉ सरस्वती माथुर

 1

अनंत प्यार

चाँद से छनता है

चौथ की रात

2

पति– पत्नी का

सम्बन्ध अनुपम

चाँद है साक्षी  

3

पिया को देख

सजनी की आँखों में

चाँद उतरा

4

नभ के भाल

चाँद बिंदिया सजा

चौथ है आई  

5

प्रेम के तार

चाँद से बरसाते

रस -फुहार  ।

6

चाँद देखेंगे

रेशमी छलनी से

चांदनी छान

7

चाँद के तार

खींच लाएँगे आज

पिया का प्यार

8

करवा चौथ

बंधन अनमोल

पिया हैं पास  

9

चाँद रस में

नहा कर आता है

करवा पर्व l

-0-

9-अनिता ललित 

1

आज की रात,

केसरिया है चाँद ,

प्यारा सलोना !

2

देखूँ अक्सर

यूँ तो फलक पर

प्यारा -सा चाँद !

3

आज निहारूँ,

बसाए अँखियों में

मैं ‘दो दो’ चाँद ! 

4

बनी आईना

बसे मोरी अँखियाँ 

आज ‘दो’ चाँद !

5

पूजा की थाली 

सजे प्यार विश्वास

कुंकुमी आस!

6

लाल किरण

माँग में  है चमके,

पिया मुस्काए ! 

7

माथे पे मेरी

उगे सिंदूरी चाँद

दिया लजाए !  

8

खनके चूड़ी,

मेहन्दी रचे हाथ

पूजा का थाल !

9

लाल चूनर,

मेरी माँग सजाना

तुम्हीं सजन !

10

सजा के मुझे

अपने हाथों  पिया…

करना विदा !

-0-

10-ज्योतिर्मयी पन्त
1

करवा पूजन
थाल सजे हाथों में
सन्ध्या समय ।
2

पति का साथ
अखंड  हो सौभाग्य
पूजें करवा ।
3

सजी  मेंहदी
सोलह शृंगार से
शोभित प्रिया
4

चलनी  मध्य
चन्द्र – दर्शन  मिले
दीर्घायु पति .
5

सुन्दरवर
सुहाग हेतु करें
कन्या भी व्रत .

6

कथा-श्रवण
निर्जल निराहार
सुहाग  चाह
7

सजीपत्नियाँ
प्रतीक्षाचंद्रोदयकी
वोइठलाये .
8

पति के हेतु
पत्नी का अनुराग
करवा पूजा

-0-

11-कृष्णा वर्मा

1

माँग सिंदूर

माथे पे कुमकुम

हँसे सदैव।

2

चूड़ी बिंदिया

पायल मैंहदी ही

सुख संसार।

3

प्रीत पिया की

बने मेरा गहना

दमकूँ नित।

4

चाँद उतरे

आज हर अँगना

बनके खुशी।

5

चाँद धरा का

जिए चंद्रमा संग

जनमों तक।

6

चौथ ने आके

सजाई सौभाग्य की

सिंदूरी आस।

7

सजे सदा ही

तेरे प्रीत चिह्नों से

मेरा सौभाग्य।

8

करवाचौथ

खिले हैं दो-दो चाँद

सदके जाऊँ।

9

रोशन रहे

नित चाँद धरा का

यही कामना।

10

भाग्य का चाँद

रखना आलोकित

माँ गौरा तुम।

-0-

 

 


प्रतिक्रियाएँ

  1. मेंहदी, चूड़ी
    सजी है सुहागन
    चाँद निहारे !

    चाँद देखेंगे
    रेशमी छलनी से
    चांदनी छान
    सुन्दर हाइकु सुशीला जी, सरस्वती जी बधाई।

  2. चाँद को अर्घ्य
    अखंड हो सुहाग
    कहे सजनी ।….

    चाँद देखेंगे
    रेशमी छलनी से
    चांदनी छान…….बहुत सुन्दर ….हर सजनी के मन की चाह …बहुत बहुत शुभ कामनाएँ…!!

  3. Bahut pyare haiku sabhi ko hardik badhai..

  4. बहुत ही सुंदर हाइकु। सभी को हार्दिक बधाई और करवाचौथ की शुभकामनाएँ !

  5. करवा चौथ पर केन्द्रित सभी हाइकु सुन्दर है सभी रचनाकारों को करवा चौथ की शुभकामनाएं ……

  6. करवा पर्व पर सभी के सुंदर श्रृंगारित हाइकू मन भाये….बधाई !

    मेरे हाइकू शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार !

    डॉ सरस्वती माथुर


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