पश्चिमी देशों में प्राचीन समय से हैलोविन त्योहार के समय पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए ये दिन मनाया जाता है । लोगों का मानना है कि अगर आत्माएँ नाराज़ हो जाएँ तो बहुत नुकसान होता है । 31 अक्तूबर को बच्चे भूत – प्रेतों के मुखौटे लगाकर घर- घर माँगने जाते हैं । लोग इस दिन दान करना शुभ मानते हैं ।
1.
लगा मुखौटे
यूँ बच्चों की टोलियाँ
माँगने आईं ।
2.
ट्रीट टाफियाँ
हैलोविन की शाम
बच्चे चाहते
3.
धुँधली शाम
गली मुहल्ले होता
भूतों का नाच ।
डॉ हरदीप कौर सन्धु
जिस तरह से आप लोग देश विदेश के तीज त्योहारों से हिंदी हाइकु को जोड़ रहे , वह बहुत प्रशंसनीय है…। आभार व बधाई…।
By: प्रियंका गुप्ता on अक्टूबर 31, 2012
at 3:58 अपराह्न
“धुँधली शाम
गली मुहल्ले होता
भूतों का नाच ।”
हैलोविन पर सुंदर हाइकू हरदीपजी के बधाई …डॉ सरस्वती माथुर
By: Dr Saraswati Mathur on नवम्बर 3, 2012
at 1:21 अपराह्न