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https://hindihaiku.wordpress.com पर हिन्दी हाइकु पढ़िएगा । कुछ लोग हाइकु के नाम पर सपाटबयानी या एक पंक्ति को तोड़कर तीन
पंक्तियाँ बना दे रहे हैं , जिसमे न छन्द [5+7+5 =17] वर्ण ( मात्राएँ नहीं)] का निर्वाह होता है , न भाव ,विचार या कल्पना का ।कुछ इसे विदेशी/ आयातित कहकर उपेक्षित करना चाहते हैं । ऐसी सोच हमे अग्रगामी न बनाकर प्रतिगामी बनाती है । फिर तो हमें आधुनिक समाज और साहित्य की बहुत-सी कलाओं और विधाओंको दरकिनार करना होगा , जो कभी सम्भव नहीं।साहित्य देश-काल की सीमा में न बँधकर रहा है , न रहेगा ।
हाइकु पढ़ने और लिखने का अभ्यास हमारी संकीर्ण सोच को विशाल बनाता है । हमें ‘ मैं ‘ से ‘ हम ‘ बनाता है । अगर आप भी हाइकु लिखना चाहते हैं तो आपका हार्दिक स्वागत है ।
हमें नीचे दिए गए ई – मेल पर भेजें….
hindihaiku@gmail.com
सधन्यवाद !
डॉ हरदीप सन्धु
रामेश्वर काम्बोज
कुल पोस्ट =1996,
देश =112,
कुल हाइकुकार=482,
हिट्स=402656,
पन्ने=370431
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
डॉ हरदीप सन्धु
मैं अभिभूत हूँ कि मेरे पहले ही प्रयास को आपने अपनी पत्रिका में स्थान दिया।
यह जान कर बड़ी ख़ुशी हुई कि हिन्दी हाइकु के साथ उसके अंग्रेज़ी रूपान्तरण को भी आप प्रकाशित करते हैं। शीघ्र ही कुछ युग्म आपको प्रस्तुत करूंगा।
सादर,
कमल कान्त जैसवाल
गुरुग्राम
By: kkjaswal44 on जुलाई 21, 2020
at 3:19 अपराह्न
बढिया काम
By: kashmiri lal chawla on जनवरी 13, 2021
at 2:50 पूर्वाह्न