सुनीता अग्रवाल
1
मेघ ले जाना,
अँसुवन की पाती
पिया के देश ।
2
चंदा ठहर
बसा लूँ अँखियों मे
पिया की छवि ।
3
स्वर्ण शृंगार
बना स्वर्णिम याद
सजूँ कैसे मैं ???
4
पी का संदेशा
सुना गए बदरा
झूमे मनवा ।
5
सदियाँ बीतें
धूमिल नहीं होते
स्वर्णिम पल ।
6
हार के जीती
जीत के हारी पिया!
प्रेम की बाजी ।
7
सँजोए रखे
फूलों से बेहतर
तेरे सितम ।
8
प्रीत निभाती
मरणोपरांत भी
ले आगोश में
9
नश्वर जग
जिन्दगी है बेवफा
मौत सनम ।
10
तमस हटे
आलोकित हो पथ
ज्ञान दीप से
11
बंजारा हूँ मैं
भटकूँ योनियों में
है ठौर कहाँ …??
12
भीगी पलकें
यादों की महफिल
तन्हा नहीं मैं“
-0-
sundar bhaav poorn haaiku ..
भीगी पलकें
यादों की महफिल
तन्हा नहीं मैं“….bahut sundar …badhaaii aapko !!
By: jyotsna sharma on मई 7, 2013
at 2:51 अपराह्न
हार के जीती
जीत के हारी पिया!
प्रेम की बाजी ।
सभी हाइकु बहुत सुन्दर हैं
By: jitendrasinghkrishnawat on मई 7, 2013
at 4:55 अपराह्न
सुंदर भावपूर्ण पंक्तियाँ …आप भी पधारो .
By: pankaj kumar on मई 7, 2013
at 4:55 अपराह्न
बहुत सुंदर, भावपूर्ण हाइकु!
~सादर!!!
By: anita on मई 7, 2013
at 5:30 अपराह्न
तमस हटे
आलोकित हो पथ
ज्ञान दीप से…….
यथार्थ को समेटे सुंदर सभी हाइकु
By: manju gupta on मई 7, 2013
at 11:51 अपराह्न
सभी हाइकु एक से बढ़कर एक….बधाई सुनीता जी.
By: वीरेश अरोड़ा "वीर" on मई 8, 2013
at 12:26 पूर्वाह्न
आदरणीय हिमांशु जी एवं आदरणीया हरदीप मेम का तहेदिल से शुक्रिया … मेरे हाइकु को यहाँ स्थान दे कर उन्होंने मुझेमे आत्मविश्वास जगाया है।आशा है भविष्य में भी आप मेरा मार्गदर्शन करते रहेंगे ..
सादर धन्यवाद 🙂
By: sunita agarwal on मई 8, 2013
at 1:39 पूर्वाह्न
pankaj kumar ji anita ji manju gupta ji,jitendrasinghkrishnawat ji ,ज्योत्स्ना शर्मा जी ….ap sabhi ki tahedil se sukragujar hu apna apna kimti samay de kar meri rachnaye padhi evam mera utsaah badhayaa ..sadar 🙂
By: sunita agarwal on मई 8, 2013
at 1:44 पूर्वाह्न
सभी हाइकु भावपूर्ण सुनीता जी बधाई।
By: कृष्णा वर्मा on मई 8, 2013
at 6:59 पूर्वाह्न
@ वीरेश अरोड़ा “वीर” ji utsaah badhane ke liye hardik abhar 🙂
By: sunita agarwal on मई 10, 2013
at 12:58 पूर्वाह्न
@कृष्णा वर्मा ji bahut bahut sukriyaa 🙂
By: sunita agarwal on मई 10, 2013
at 1:02 पूर्वाह्न