आप सबको हिन्दी -हाइकु परिवार की तरफ़ से रक्षाबन्धन के शुभ अवसर पर अगणित शुभकामनाएँ !
डॉ हरदीप सन्धु और रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
9-हरदीप सन्धु
1
राखी के तार
बँध पावन प्यार
आया है द्वार
2
रक्षा -करार
दुआओं की बौछार
गुँथा है प्यार
3
भ्राता- प्रेम को
ये प्रगाढ़ बनाए
महीन डोरी
4
रेशमी डोर
है नहीं कमजोर
नेह के छोर
5
राखी में बँधा
बहन का हृदय
मोह से भरा
6
राखी त्योहार
भाई कलाई बँधे
दिल के तार
-0-
10-डॉ भावना कुँअर
1.
दुकानों पर
लगा जो राखी मेला
है अलबेला।
2.
टूटता नहीं
ये मधुर संबंध
रक्षाबंधन।
3.
बँधा है आज
पवित्र धागे संग
दोनों का प्यार।
4.
चावल -रोली
थाल,राखी,मिठाई
आया है भाई।
5.
खूब पनपे
भाई-बहन प्यार
सजे त्यौहार।
6
पड़ी है सूनी
भइया की कलाई
राखी न आई।
7.
परदेस में
राह देखता भाई
राखी ना आई।
8.
सूनी कलाई
आँखें डबडबाई
फूटी रुलाई।
9.
अकेला भाई
बिन बहना फिर
राखी न भाई।
10
इंतजार में
टिकी दरवाजे पर
भीगी पलकें।
11.
शहीद हुआ
भारत माता पर
भाई अमर।
12
सुन्दर कोमल
प्यार का ये बंधन
रक्षाबंधन।
13
अनूठा प्यार
लिपटा धागे संग
है बेशुमार
11-मंजु मिश्रा , कैलिफ़ोर्निया
1
कच्चे धागों में,
गुँथा नेह मन का
रक्षा बंधन !
2
बचपन के
संगी, भाई बहन
बंधन प्यारा !
3
प्यार ना घटा,
सुख-दुख में सदा
एक दूजे के !
4
रहें सहारा
ज़िंदगी भर, ऐसा
ये प्यारा रिश्ता !
5
बहनें बाँधें
भाई की कलाई में .
राखी प्यार से
6
बिना कहे ही
हुए वचन सब
मन ही मन
7
ईश्वर करें
ऐसे ही निभे नेह
जीवन भर
-0-
12-कमला निखुर्पा देहरादून
1
नेह -बन्धन
कभी टूटे ना यह
माँगू मैं दुआ
2
जाऊँगी कहाँ
कौन मेरा अपना
तुम्हारे सिवा
3
भाई भेजे जो…
नेह भरी भेंट तो…
माथे लगाऊँ
4
इस जनम…
ना अगले जनम…
मैं भुला पाऊँ
5
शब्द बेबस…
मन है पुलकित…
नमित शीश
6
मन के मेघ
उमड़े है अपार
नेह बौछार।
7
संदेश तेरा
अमृत की बूँद -सा
परदेस में
8
जेठ की धूप
शीतल पुरवाई
मेरा ये भाई।
9
नैनों की सीपी
चम -चम चमके
नेह के मोती।
10
बंद मुठ्ठी में
घरौंदे की मिट्टी -सी
भाई की चिट्ठी।
11
तेरा चेहरा
नभ में चमके ज्यों
भोर का तारा।
12
आई हिचकी
अभी -अभी भाई ने
ज्यों चोटी खींची।
13
मेरा सपना
हँसे मुसकराए
भाई अपना।
14
मन गुलाब
खिलता रहे यूं ही
कांटों में भी-
15
है अभिलाषा
हर जनम मिले
भाई तुम- सा
16
मैं रहूँ कहीं
तुमसे मेरी पीर
ना जाए सही।
17
तेरे आशीष
फ़ूल बन बरसे
भरा दामन।
18
नेह बंधन
ज्यों मन गगन में
चंदा रोशन ।
19
तेरी दुआएँ
जीवन मरुथल में
ठंडी हवाएँ।
20
तेरा ये नेह
बिन बदरा के ही
बरसा मेह
-0-
13-रचना श्रीवास्तव ,डैलस
1
समय कम
काम ज्यादा भूला वो
एक था वादा
2
अकेला भाई
बहनों की है फौज
क्या क्या करे वो
3
वो करे काम
सूर्य के जलने से
बुझने तक
4
बहन देखे
स्नेह शब्दों- की बाट
आए ही नहीं
-5
स्नेह रस में
पगे शब्द मिले तो
नेत्र छलके
6
भाई का नाता
पावन गंगा जल
कभी न टूटे
7
बहन माँगे
झोली भर खुशियाँ
भाई के लिए
8
भाई है चाँद
बहन के अम्बर का
कभी न डूबे
9
सूर्य का ताप
तुम तक न आए
बहन सोचे
10
अम्बर तक
बहन चढ़े सीढ़ी
भाई के संग
11
भाई अँगना
बहन चुगे दाना
बन गौरैया
-0-
14-नीलू गुप्ता ,कैलिफ़ोर्निया
1-
राखी त्योहार
गुंथा स्नेहिल तार
प्यार ही प्यार
2
भैया कलाई
है बंधा कच्चा धागा
स्नेह का भीगा
3
संजोये थाल ,
आरती उतारतीं
बहना सारी
4
पर्व पावन
रक्षा का है वचन
रक्षा बंधन
5
नन्हीं बहना
बाट जोहती आया,
राखी त्योहार
6.
रोली चन्दन ,
अक्षत औ कुंकुम
सजाया थाल
7.
पूजा अर्चन ,
भैया माथे तिलक ,
कलाई राखी
8
.मंगलमय,
औ सुखमय रहे
भैया -संसार
9
यही करती,
विनय औ सौंपती
रक्षा का भार
10
रक्षा बंधन ,
रक्षा का आश्वासन,
पर्व पावन
-0-
15-ॠता शेखर ‘मधु’ बंगलुरु
1.
रक्षाबंधन
त्याग और प्रेम का
पवित्र पर्व
2.
दृढ़ होता ये
लौह-जंजीर से भी
रक्षा का सूत्र
3.
रेशमी धागा
श्रावण की पूर्णिमा
स्नेह-त्योहार
4.
कुंकुंम -टीका
कलाई पे हो राखी
मुँह में मीठा
5.
हरेक मोती
जो राखी में गूँथती
स्नेह से पगी
6.
न हो उदास
भइया करे याद
राखी के दिन
7.
भेंट न मिले
नखरीली बहना
मुँह फुलाए
-0-
सभी हाइकु अति सुन्दर हैं. सभी को बधायी
तथा रक्षाबंधन की शुभकामनायें
उमेश मोहन धवन, कानपुर
By: उमेश मोहन धवन on अगस्त 13, 2011
at 10:55 पूर्वाह्न
इतने सुन्दर हाइकुओं के लिए बधाई…सभी को…।
By: प्रियंका गुप्ता on अगस्त 13, 2011
at 3:16 अपराह्न
सारे हाइकु इस पावन पर्व की शोभा बढ़ा रहे है
रक्षाबन्धन की ढेर सारी बधाई और शुभ कामनाएँ|
By: ऋता शेखर 'मधु' on अगस्त 13, 2011
at 3:50 अपराह्न
इस पावन पर्व पर इतने प्यारे हाइकू,पर्व की खुशी कई गुना बढ़ गई…
By: induravisinghj on अगस्त 13, 2011
at 5:48 अपराह्न
राखी पर्व के शुभ अवसर पर सुन्दर रंग -बिरंगी राखियो से सजे हाइकु पढ़ कर मन हर्षित है …सभी रचनाकारों को रक्षाबंधन की अनंत हार्दिक शुभकामनाएं …..
By: ramadwivedi on अगस्त 13, 2011
at 11:35 अपराह्न
haiku ki gagar me sagron ka jamavda hai kaesesamyen hai ye to likhne walon ki mahanta hai .aap sabhi ke shbdon me sneh ka sagar hai haikukaron ki puri team ko bahut bahut badhai
rachana
By: rachana on अगस्त 15, 2011
at 11:20 अपराह्न