Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | अगस्त 7, 2011
मित्रता दिवस-2
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
1.
सच्चे ये दोस्त
अनमोल खज़ाने
नि:स्वार्थ भरे.
2.
दर्द दोस्ती का
जब सहना सीखा
जीना है सीखा
3.
रिश्तों की डोर
है बड़ी कमज़ोर
दोस्ती अटूट.
4.
है सच्चा दोस्त
जैसे सीपी को मोती
मिले भाग्य से.
5.
जीवन -युद्ध
हर पल प्रहार
दोस्त है ढाल.
6.
दोस्त की दोस्ती
है बढ़ा देती और
चाह जीने की.
7.
दोस्त है साथ
जीवन के खेल में
नहीं है हार
8.
दोस्त हो साथ
जीवन की परीक्षा
सदा हो पास.
9.
बिछ्रड़े दोस्त
वर्षों बाद जो मिले
भूलें न लम्हा
मुमताज -टी एच खान
*********
1
मन -कमल
शबनम की बूँद
है दोस्त मेरा
2
दुःख हो मेरा
आँसू बहे उसके
ऐसी ये दोस्ती
3-
शरद ऋतु
गुनगुनी सी -धूप
मेरा ये दोस्त
4
पहली वर्षा
सोन्धी खुशबू लगे
मेरा ये दोस्त
5-
जीवन -डोर
उड़े पतंग संग
हवा है दोस्त
6
कठोर राह
बिछा दे हथेली वो
मेरा वो दोस्त
6
सावन -धार
सखियाँ मिल गायें
कजरी गीत
7
संग चले जो
धूप या बरसात
सच्चा है दोस्त
8
दर्द आँसुओं
में बहे ,सखियाँ
जो गले मिलें
9
माँ – आशीष सी
मन्दिर के दिये -सी
पवित्र दोस्ती
10
दुःख जो घेरे
मन तुमको ढूँढे
कहाँ हो दोस्त ?
11
साजिश करे
मेरा ही प्रिय दोस्त
मेरी हत्या की
12
मुझमें रहा
मुझे ही डस गया
साँप बनके
13
दुश्मनी करें
शत्रु जरूरी नहीं
मित्र है काफी
–रचना श्रीवास्तव
********
1.
राजा औ’ रंक
मिसाल मित्रता के
कृष्ण-सुदामा
2.
आगे बढ़ के
थाम लेते जो हमें
वही हैं मित्र
3.
न गिला कोई
शिकायत भी नहीं
दोस्त हैं वही
4.
ढेर -सी बातें
जो कह नहीं पाते
मित्र ही बाँटें
5.
ख़ाका खीचते
मन के पन्नों पर
बिछड़े मित्र
–ऋता शेखर ‘मधु’
1.
सुख-दुःख में
जो साथ रहे सदा
वही तो दोस्त ।
2.
मन की बातें
बिन बोले समझे
वही तो दोस्त ।
3.
खून का नहीं
मन का रिश्ता होता
दोस्त के संग ।
4.
कभी न पूछे
हम सच्चे या झूठे
साथ निभाए ।
5.
एक की पीड़ा
आँसू दूजे की आँख
यही तो दोस्ती ।
6.
दोस्ती का अर्थ
अब भी न समझे
इत्ता गहरा ।
7.
हरेक खुशी
दुगुनी बन जाती
दोस्तों के संग ।
8.
होंठो की हँसी
देख के भी समझे
मन की पीड़ा ।
ताँका
भूली न जाएँ
बचपन की बातें
दोस्तों के संग
लड़ना-झगड़ना
फिर एक हो जाना ।
– प्रियंका गुप्ता
1.
रिश्तों में प्यारा
सबसे है जो न्यारा
दोस्त हमारा |
2.
सूख गई है
स्नेह की निर्झरिणी
दोस्त के बिना |
3.
बड़े भाग्य से
मिलता नेक दोस्त
दुर्लभ कार्य |
4.
कृष्ण -सा दोस्त
मिलना है दुर्लभ
इस युग में |
5.
स्वार्थी हो दोस्त
डूबा देता है नाव
मझधार में |
6.
दोस्ती का अर्थ
भूल गए हैं लोग
समझे कौन ?
7.
छटपटाते
रिश्ते मरुस्थल में
दोस्त के लिए |
8.
दोस्त की यादें
भूलती नहीं कभी
भूलकर भी |
9.
दोस्त के बिना
जीवन है वीरान
मन उदास |
10.
दोस्त हो ऐसा
तन की छाया जैसा
दुःख का साथी |
11.
दोस्ती के बीच
अनगिनत प्रश्न
ऐसे भी मित्र |
12.
हर रिश्ते में
तलाशती नज़रें
एक दोस्त को |
13.
बिन शर्तों के
जिससे होता प्यार
सिर्फ दोस्त है |
14.
दोस्ती का रिश्ता
सबसे अहम् रिश्ता
देता है ऊर्जा |
– डा. रमा द्विवेदी
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डॉ.रमा द्विवेदी, प्रियंका गुप्ता, मुमताज़- टी एच खान, रचना श्रीवास्तव, ॠता शेखर 'मधु' में प्रकाशित किया गया | टैग: आन्ध्र प्रदेश, कानपुर, डैलस, पटना, बरेली, भारत, यू एस ए
सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ…आज के दिन इतने अच्छे हाइकुओं की सौगात…सच में सोने में सुहागा…।
By: प्रियंका गुप्ता on अगस्त 7, 2011
at 1:42 अपराह्न
सभी रचनाकारों को मित्रता दिवस की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं …..
By: ramadwivedi on अगस्त 7, 2011
at 7:35 अपराह्न
रिश्तों की डोर/है बड़ी कमज़ोर/दोस्ती अटूट.
दुःख हो मेरा /आँसू बहे उसके /ऐसी ये दोस्ती
होंठो की हँसी / देख के भी समझे/मन की पीड़ा ।
हर रिश्ते में/तलाशती नज़रें/ एक दोस्त को |
सभी को मित्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ|
By: ऋता शेखर 'मधु' on अगस्त 7, 2011
at 8:59 अपराह्न
आगे बढ़ के
थाम लेते जो हमें
वही हैं मित्र ॰॰॰॰॰॰ बहुत शानदार ॰॰॰ सभी हाइकु एक से बढ़कर एक हैं ॰॰॰ शुभकामनायें ॰॰॰ राजेश बिस्सा
By: Rajesh Bissa on अगस्त 12, 2011
at 4:45 पूर्वाह्न
हिमांशु जी ,
आपसे विनम्र निवेदन है कि नीचे लिखे दोनों शब्दों की वर्तनी सुधार दीजिएगा कृपया अन्यथा ले ….अग्रिम क्षमा याचना के साथ …सादर….
`जीन ‘ `डोस्त’
By: ramadwivedi on अगस्त 13, 2011
at 2:50 पूर्वाह्न
संशोधन कर दिया गया है ।
By: डॉ. हरदीप संधु on अगस्त 13, 2011
at 4:31 अपराह्न