Posted by: हरदीप कौर संधु | जनवरी 27, 2011

प्यार की नींव


1

तड़प रही

जल बिन मछली,

बिन तेरे मैं

2

प्यार तेरे की

मिली जो बूँद बूँद

गागर भरी

3

जीवन भर

बना परछाई तू

दुख -सुख में ।

4

गले लगाऊँ

मेरे जो हैं अपने

सपनों में भी

5

बोए जो काँटे

कर माफ उनको

गले लगाना

6

प्यार नहीं है

पानी का बुलबुला

फूट जाए जो

7

प्यार की नींव

नहीं है कमज़ोर

हवा उखाड़े

8

दर्द भागता

खिल उठा जीवन

प्यार से सींचा

9

दुख -दर्द की

वो कष्ट निवारक

दवा है प्रेम

10

मन में आशा

पिंघलने लगता

दुख मोम-सा

11

हुई गलती

जीवन का किनारा

बन न पाया

12

दिल जो टूटे

मरने मत देना

अपनी इच्छा

-डॉ हरदीप कौर सन्धु


प्रतिक्रियाएँ

  1. गले लगाऊँ
    मेरे जो हैं अपने सपनों में भी । निष्ठा और उदात्तता का ऐसा अनूठा संगम कहाँ देखने को मिलेगा ? सपने में भी गले लह्गाने का भाव तो तभी आता है , जब प्यार नस-नस में बसा हो , प्राणों में रचा हो ड़ॉ हरदीप जी आपके हाइकुओं ने इधर एक ऊँचाई अर्जित की है जो हाइकु जगत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है ।

  2. सभी हाइकु बहुत सुंदर हैं. यह दिल को गहरे से छू गया-
    मन में आशा
    पिघलने लगता
    दुख मोम-सा

  3. बोए जो काँटे
    कर माफ उनको
    गले लगान
    बहुत अच्छा सन्देश दिया है इस हाइकु से सभी हाइकु एक से बढ़कर एक हैं । शब्दों को किसी एहसास मे पिरोना वो भी कम शब्दों मे कोई डाक्तर हरदीप जी से सीखे। बधाई उन्हें।

  4. बहुत सुंदर हाइकु….. 10 ,5 और 3 नम्बर हाइकु खास अच्छे लगे

  5. दिल जो टूटे
    मरने मत देना
    अपनी इच्छा
    -सही कहा आपने
    मन में आशा
    पिंघलने लगता
    दुख मोम-सा
    शब्दों की माला में भावनाओं को बहुत सुन्दर तरीके से पिरोया है ।एक-एक हाइकु के बारे में लिखना चाहती हूँ पर ……बस इतना कहूँगी -गहरे भाव कम शब्दों में !

  6. haikoo achchhe hain

  7. मन की अनुभूतियों की सहज अभिव्यक्ति…। साधुवाद्…

  8. मन में प्यार का सुखद अहसास और मजबूत बना जाते हैं आप के ये हाइकु…। आप को मेरी बहुत बधाई…।

  9. बोए जो काँटे कर माफ उनको गले लगाना.
    सही कहा है कवयित्री ने. बधाई

  10. Sabhi haiku bahut hi lajawaab hain.

  11. सभी हाइकू अच्छे लगे ।

  12. आप सब की सुन्दर प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत-बहुत आभारी हूँ !

  13. बहुत सुन्दर लिखा है.. प्रेरणादायी, भावमयी हाइकु .. सादर

  14. तड़प रही
    जल बिन मछली,
    बिन तेरे मैं ———-अति सुंदर ,अन्य हाइकु भी खूबसूरत .
    क्या इस ब्लॉग के लिए मैं हाइकु भेज सकता हूँ ?

  15. गागर में सागर से हैं ये हाइकु।

  16. ज़रूर भेजिए , स्वागत है

  17. दिल जो टूटे
    मरने मत देना
    अपनी इच्छा

    मन में आशा
    पिंघलने लगता
    दुख मोम-सा

    सुन्दर, प्रेरणादायी, भावमयी हाइकु .. सादर


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