Posted by: हरदीप कौर संधु | अप्रैल 29, 2023

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कृष्णा वर्मा 

1

बो गया वह 

अपने अहसास 

कोरे मन पे। 

2

छीन ले गया 

झट से अधरों का 

वो रीतापन। 

3

मथ गया वो 

प्रेम की मथनी से 

दिल की चाटी। 

4

सखी पी बिन 

अँगूरी गिन-गिन 

बीते हैं दिन।

5

बेबस मन 

सुगंध की रागिनी 

गाए पवन। 

6

वैशाख आए 

छिपूँ कौन पट जा  

लाज लजाए। 

7

तनें बिरवे 

हो संयम हलाक 

रंगी पोशाक। 

8

ऋतु प्रबंध 

टूटी हैं संयम की 

सारी सौगंध। 

9

फूला पला

सिहरे मन प्रिय 

तू नहीं पास। 

10

कौन चितेरा 

है ऋतु ख़ुशरंग 

मीठे प्रसंग।

11

जगे सृष्टि के 

अर्ध निद्रित नैन 

सरका चैन।  

12

तेरे गीतों से 

लरजी बाँसुरी सी 

शिला।-सी देह।

13

उमड़ा प्यार 

पी के सत्कार बनी 

तोरणद्वार। 

14

घुला शाम के 

आँचल में दिन ज्यों 

बर्फ़ का ढेला। 

15

लिखें किरणें।

सलेटी संवादों को 

सूर्य ढलान।

16

रौनकें फ़ना 

टहनियाँ उदास 

चिड़िया कहाँ। 

17

लोभी लताएँ 

चाहें बिना रीढ़ के 

नभ छू आएँ।

18

सत्ता मिटाए 

करे खोखल पेड़ 

अमर बेल। 

19

गन्ने से ज़्यादा 

कौन जाने अंजाम 

मीठा होने का। 

20

लिखे व्याकुल  

मन की कथा-व्यथा

आकुल स्याही।  

 -0-

 

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Responses

  1. बहुत सुंदर हाइकु ! खासतौर पर टहनियाँ उदास और मीठा होने का अंजाम … ये दोनो अत्यंत प्रभावशाली लगे
    सादर
    मंजु मिश्रा
    http://www.manukavya.wordpress.com

  2. सभी हाइकु बेहतरीन, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

  3. सभी हाइकु उत्कृष्ट श्रेणी के है।

  4. सभी हाइकु उत्कृष्ट श्रेणी के है।

  5. वाह,सभी हाइकु मनभावन।बधाई कृष्णा वर्मा जी।

  6. सभी हाइकु एक से बढ़कर एक हैं बधाई हों । सविता अग्रवाल”सवि”

  7. वाह! बहुत सुंदर हाइकु रचे हैं आपने, बधाई!

  8. अति सुंदर हाइकु, कृष्णा जी को हार्दिक बधाई।

  9. इस पटल पर सभी हाइकु सुंदर होते ही हैं लेकिन मुझे इनमें रचे-बसे नयेपन सदा से ही स्फूर्ति देते हैं। ऐसे ही आपके इन अच्छी रचनाओं में से मैं इनमें खो गया-
    उमड़ा प्यार
    पी के सत्कार बनी
    तोरणद्वार।

    लोभी लताएँ
    चाहें बिना रीढ़ के
    नभ छू आएँ।

  10. एक-एक हाइकु बेहद सुन्दर लगा।बधाई कृष्णा जी।

  11. एक-एक हाइकु बेहद सुन्दर लगा।बधाई कृष्णा जी।

  12. अत्यंत उत्कृष्ट सृजन… वाहह… अत्यंत सुंदर हाइकु 🌹🙏

  13. अत्यंत उत्कृष्ट सृजन… वाह्ह्ह… अत्यंत सुंदर हाइकु 🌹🙏

  14. एक से बढ़कर एक सुंदर, मनभावन हाइकु …

    यथार्थ बयाँ करता सुंदर हाइकु –
    गन्ने से ज़्यादा /कौन जाने अंजाम /मीठा होने का

    हार्दिक बधाई कृष्णा जी

  15. सभी हाइकु बहुत पसंद आए, मेरी बधाई स्वीकारें

  16. Best presentation

  17. “गन्ने से ज़्यादा
    कौन जाने अंजाम
    मीठा होने का।”

    वाह ! अन्य हाइकु भी बहुत सुंदर

  18. गहरे भाव लिए सुन्दर हाइकु, बधाई कृष्णा जी.


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