Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | अप्रैल 16, 2023

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कपिल कुमार

1

तम का दाव

उषा ने ज्यों ही छुआ

चौपट हुआ। 

 2

जुगनू करें

मिलके रतजगा

तम है डरा। 

3

तम के घोड़े

आधे माह के लिए

चाँद ने मोड़े। 

4

जुगनू तोड़े

रात के कंधे चौड़े

दीपक लेके। 

5

रवि ज्यों डूबा

जुगनू की चाल से

तम भी ऊबा। 

6

जुगनू घूमें

रात ने पहने, ज्यों

असंख्य मूँगे। 

7

तम ज्यों हँसा

जुगनू के जाल में

रात में फँसा। 

8

जुगनू राही

इंडिकेटर जला

घूमने चला। 

9

मेह को भाप

गाँव मिल के देता

बिटोड़े ढाँप। 

10

मेघों के घोड़े

खेतों के सिर बैठ 

नख़रे तोड़े। 

11

खड़ा बिजूका

वर्षों से मौन साधे

प्यासा औ‘ भूखा। 

12

दो सूने तट

मिला दो, बनाकर

प्रेम का पुल। 

13

 

पेड़ों की दौड़

रेलगाड़ी चली, ज्यों

स्टेशन छोड़। 

14

ढहा न देना

भरोसे की दीवार

प्रेम-अपार। 

15

मेघों के गीत 

बेमौसम लगते 

बेसुरा राग।

16

वक़्त की चाल

सरपट दौड़ते

बेकाबू घोड़े। 

17

हवा की टोली

खेतों पे चला गई

अंधाधुंध गोली। 

18

कौन करेगा

खेतों की क्षतिपूर्ति

हवा घूरती। 

19

सूर्य पे भेजो

अग्निशामक दल

आग की वर्षा। 

20

गाँवों के स्वप्न

ए युग ने छीने

लुटाके धन। 

21

हाली का दर्द

अतिवृष्टि बढ़ाती

सिर पे कर्ज। 

22

खेतों को घूरे

मकड़जाल पूरे

हवा की टोली। 

23

गाँवों में बूढ़े

अखबार बाँचते

बिछा के मूढ़े। 

24

चित्र निहारे

अनपढ़ से गाँव

सुबह-शाम। 

25

प्राची ने फेंकी

उठा सूर्य की गेंद

सिंधु में गिरी। 

26

खूँटी पे टँगे

हलस और हत्थे

रस्सी से बँधे। 

27

मेघों में ऐंठ

हाली नभ ताकते

मेड़ों पे बैठ। 

28

शाम ढलते

ग्वाले धूल फाँकते

पीछे चलते। 

29

तम् निढाल

उषा ने खोले, ज्योंही

अपने बाल। 

30

छोटा-सा बीज

ई राह गढ़ता

ऊँचा बढ़ता। 

31

पूनो की रात

नभ खड़ा अकेला

तारे दुबके। 

32

चाँद पे गिरि

बुढ़िया बैठके, ज्यों

दूध बिलोती। 

33

धरा को छला

गिरि के हृदय पे

मशीनें चला। 

34

नभ में चाँद

ब्रह्मांड के ताख में

जलते दीप। 

35

खाली मटके

टाँड पे पड़े-पड़े

सारे चटके। 

 

36

वसंत ऋतु

नई नवेली बहु

सजके बैठी। 

37

जलती बाती

दुनिया में फैलती

दीप की ख्याति। 

38

कुआँ बेचारे

दीवार में दरारें

अतृप्त कंठ। 

-0-

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Responses

  1. पेड़ों की दौड़
    रेलगाड़ी चली, ज्यों
    स्टेशन छोड़।
    अच्छे हाइकु-बधाई।

  2. भावपूर्ण हाइकु!

    ~सादर
    अनिता ललित

  3. बहुत सुंदर हाइकु…बहुत बधाई।

  4. प्यारे हाइकु के लिए बहुत बधाई


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