Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | मार्च 26, 2023

2322


कपिल कुमार

1.

दीपक की लौ

कीट पतंगों संग

खेलती खो-खो। 

2

तितली खेलें

छुआ-छुई का खेल

फूलों की गैल। 

3

मेंढ़क करे

रात में लम्बी कूद

ज्यों एथलीट।

4

चींटी करती

गेहूँ की जमाखोरी

चढ़ा के त्योरी। 

5

टिड्डी का पेट

करे मलियामेट

हाली के स्वप्न। 

6

खेत तंग, ज्यों

मेघों ने ओलेरूपी

गुलेल मारी। 

7

गेहूँ ज्यों पके

मेघों ने किसानों के

पाँव उखाड़े।

8

लू ने निकाले

तरकश से तीर

हाल-गंभीर।

9

पकीं फसलें

किसानों की परीक्षा

मेह से रक्षा। 

10

गाँव ज्यों बाँधें

आधुनिकता तोड़े

प्रेम के धागे। 

-0-

Advertisement

Responses

  1. अच्छी अनुभूतियों से उपजे अच्छे हाइकु-बधाई।
    तितली खेलें
    छुआ-छुई का खेल
    फूलों की गैल।

  2. खूबसूरत हाइकु, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

  3. वाह! कपिल जी को सुंदर सृजन हेतु हार्दिक बधाई।

  4. वाह,अभिनव बिम्बो वाले सुंदर हाइकु।बधाई कपिल कुमार जी।

  5. बहुत सुंदर 🌹🙏

  6. बहुत ही सुंदर 🌹🙏

  7. उम्दा हाइकु के लिए बहुत बधाई


रचनाओं से सम्बन्धित आपकी सार्थक टिप्पणियों का स्वागत है । ब्लॉग के विषय में कोई जानकारी या सूचना देने या प्राप्त करने के लिए टिप्पणी के स्थान पर पोस्ट न करके इनमें से किसी भी पते पर मेल कर सकते हैं- hindihaiku@ gmail.com अथवा rdkamboj49@gmail.com.

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

श्रेणी

%d bloggers like this: