Posted by: हरदीप कौर संधु | फ़रवरी 3, 2023

2313


डॉ.सुरंगमा यादव 

23-सुरंगमा यादव1

उठी उमंग
चहचहाने लगे
भाव- विहंग।
2
सुखद अंत
पतझर दे जाता
रम्य वसंत।
3
पी मकरंद
भ्रमर रच रहा
प्रणय- छंद।
4
प्रेम- कविता

वसंत रचयिता

कुहू गायिका।
5
कहीं प्रार्थना
कहीं प्रेम प्रतीक
सुमन बना।
6
भोर बाँटती
फूलों का उपहार-
किरन- हार!
7
स्मृति- गुलाब
आज भी लगता है
अभी खिला है।
8
भाव विह्वल
सुधियाँ जब आईं
बहा काजल।

-0-

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Responses

  1. वसंत की छटा बिखेरते सुंदर हाइकु। बधाई सुरंगमा जी।

  2. बहुत सुन्दर हाइकु, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

  3. बहुत सुन्दर हाइकु…हार्दिक बधाई सुरंगमा जी।

  4. उठी उमंग
    चहचहाने लगे
    भाव -विहंग।

    वसंत में प्रेम के रस महकाते हुए हाइकु अच्छे हैं-बधाई।

  5. बहुत सुंदर हाइकु।
    हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ आदरणीया सुरंगमा जी को।

    सादर

  6. सुंदर हाइकु!

    ~सादर
    अनिता ललित

  7. उम्दा हाइकु के लिए बधाई


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