Posted by: हरदीप कौर संधु | नवम्बर 22, 2022

2307


रश्मि विभा त्रिपाठी 
1
7-RASHMI VIBHA TRIPATHIदिलों का मेल!
अब तो बन गया,
घिनौना खेल।
2
कैसी बनी है?
आजकल दुनिया
सनसनी है।
3
ढूँढ लो एक,
इस दौर में इंसाँ,
दिल का नेक!
4
चल लो दाँव!
पर नहीं होते हैं
झूठ के पाँव।
5
किस कमी से?
रिश्ते टूट जाते हैं
बेहरमी से!
6
इंसाँ तौलता
प्यार पैसे से आज
ख़ून खौलता!
7
कैसा मंज़र
लोग गले लगते
लिए ख़ंजर!
8
मेरा ही घर!
हर पल मगर
सताता डर।
9
यही दस्तूर!
जिनके जख़्म सिंए
वे ही नासूर।
10
तोड़के घर
इन्सान बन गया
खुद पत्थर।
11
हर शहर
अब तो प्यार के ही
हैं सौदागर?
12
बढ़ी मुश्किल!
जिसको दिल दिया
वही क़ातिल।
13
न हो पत्थर!
जिन्दगी तो सबकी,
काँच का घर।
14
क्या इत्तेफ़ाक?
जो औरों को बनाएँ
वे ही हों ख़ाक!
15
बड़ा गजब
सच को डाँट, झूठे
पाते अदब!
16
प्रेम की शुद्धि
फिर नहीं हो पाई
जुड़ी थी बुद्धि!
17
किसने थामा
नेह का कच्चा तागा
सब हैं गामा।
18
ज्यादा या थोड़ा!
दर्द देता रहेगा
रिश्तों का फोड़ा।
19
स्वार्थ ने सोखा
समंदर प्यार का
धोखा ही धोखा।
20
मुहब्बत है?
जी नहीं, बस एक
जरूरत है।
-0-


Responses

  1. चतुर्दिक पतन के इस युग मे प्रेम शब्द भी अपना अर्थ खो रहा है,प्रेम के नाम पर खिलवाड़ करते लोग इसे एक खेल बना रहे हैं,विश्वासहीनता पनप रही है,इन स्थितियों को बहुत सुंदर ढंग से हाइकुओं में अभिव्यक्त करने के लिए रश्मि विभा जी को बधाई।

  2. भावनात्मक सम्बन्धों की जाँच-परख करते बेहतरीन हाइकु, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

  3. Hey im so lucky to read rashmi ji haikoo every god of this universe is bleesing her .I just cant compare with any writer in this world the way she writes
    Destiny of this lady is specially designed by the great God
    Maam pls.always write these kind of haikoos forever in Life

  4. गहरे भाव सम्पन्न समस्त हाइकु रचनाओं के लिये बधाई
    चल लो दांव
    पर नहीं होते हैं
    झूठ के पांव
    क्या बात है.
    !

  5. यथार्थ को बयाँ करते हाइकु…
    सभी हाइकु सुंदर
    विशेषतः –
    मुहब्बत है?
    जी नहीं, बस एक
    जरूरत है।

    हार्दिक बधाई रश्मि जी

  6. मेरे हाइकु प्रकाशित करने के लिए आदरणीय सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार।
    आप सभी आत्मीय जन की टिप्पणी की मैं हृदय तल से आभारी हूँ कि मेरे हाइकु आपको पसंद आए।

    सादर

  7. मेरा ही घर
    हर पल मगर
    सताता डर।
    सभी हाइकु बहुत सुंदर। बधाई

  8. वाह! ज़िंदगी को समझते समझाते सुंदर हाइकु!

  9. इस बदलती दुनिया में प्रेम के विविध रूप देखने को मिलते हैं उनकी एक झाँकी को आपने हाइकु में पिरोया है-बधाई।

  10. अत्यंत सुन्दर, ज़िन्दगी के अनुभव से जुड़े मनभावन हाइकु हैं रश्मि जी |बधाई |

  11. जीवन की कटु सच्चाई का प्रभावी अंकन।बहुत-बहुत बधाई रश्मि जी।

  12. बहुत सुंदर हाइकु, मेरी बधाई

  13. सत्य की चर्चा करते सुंदर हाइकु…रश्मि जी हार्दिक बधाई।


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