दिनेश चन्द्र पाण्डेय
सुबह शाम
लॉकडाउन हुआ
वक्त तमाम
अधूरे स्वप्न
पिता की जायदाद
बेटे को मिली
सुर्ख बुरांश
कर रहा निसर्ग
मन की बात
पहाड़ पर
सजा कर रखे हैं
रैक पे घर
कच्ची कलियाँ
मालिन ने भगाया
बूढ़ा भँवरा
सावन आया
झगड़ू की झोपड़ी
गीत गा रही
खग– क्रंदन
अजान घंटनाद
भंगित तंद्रा
गंदुमी गंध
रोज गार्डन छोड़
चौके पे शोर
चुनावी वादे
टिटिहरी ने रोका
पैरों से नभ
चहकी गली
खुशियाँ बेच गया
खिलौने वाला
वाह, बहुत सुंदर हाइकु।बधाई दिनेश चंद्र पांडेय जी
By: शिवजी श्रीवास्तव on जुलाई 3, 2022
at 12:57 पूर्वाह्न
सभी उत्कृष्ट हाइकु! आपको हार्दिक शुभकामनाएँ।
By: gurjarmathskapil on जुलाई 3, 2022
at 4:42 पूर्वाह्न
चहकी गली…
सुंदर हाइकु रचने के लिए आपको बधाई!
By: प्रीति अग्रवाल on जुलाई 3, 2022
at 9:54 पूर्वाह्न
बहुत सुंदर हाइकु।हार्दिक बधाई आपको।
By: सुरंगमा यादव on जुलाई 3, 2022
at 5:48 अपराह्न
उत्कृष्ट हाइकु हैं… बधाई 🌹🙏
By: Anima Das on जुलाई 4, 2022
at 12:38 पूर्वाह्न
पहाड़ पर
सजा कर रखे हैं
रैक पे घर
सभी हाइकु अच्छे हैं जो विविध दृश्यों को समेटे हुए अपनी उपस्थिति को सार्थक कर रहे हैं। इन हाइकु में आपकी अनुभूतियाँ बोल रही है।
हार्दिक बधाई।
By: ramesh kumar soni on जुलाई 4, 2022
at 8:09 अपराह्न
बहुत सुन्दर हाइकु, मेरी हार्दिक बधाई
By: प्रियंका+गुप्ता on जुलाई 4, 2022
at 11:04 अपराह्न
आदरणीय संपादक गण को रचना प्रकाशन हेतु सादर आभार एवं सतसाहित्यिक सुधीजनों को रचनाओं को प्रोत्साहन हेतु सादर प्रणाम.
By: pandeydinesh407gmail.com on जुलाई 5, 2022
at 5:04 अपराह्न
बहुत सुंदर हाइकु
By: Paramjeet kaur on जुलाई 5, 2022
at 6:54 अपराह्न
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण हाइकु, बधाई दिनेश चन्द्र जी.
By: Dr.Jenny shabnam on जुलाई 5, 2022
at 11:15 अपराह्न
बहुत सुंदर हाइकु…हार्दिक बधाई।
By: krishnaverma on जुलाई 8, 2022
at 3:35 पूर्वाह्न
दिनेश पांडेय जी आपके हाइकु बहुत सुन्दर दृश्यावली वाले हैं । जो हमें पहाड़ों पर घुमा लाए । बहुत बधाई ।
चहकी गली
खुशियाँ बेच गया
खिलौने वाला
By: vibharashmi on जुलाई 8, 2022
at 6:08 पूर्वाह्न