1- रश्मि विभा त्रिपाठी
1
नैनों से झरी
सपनों की मंजरी
सुरभि भरी।
2
आँखों में बोए
तेरी यादों के बीज
स्वप्न सँजोए!!
3
बड़ी उम्दा है
ख्वाबों की तरकीब
छूटे करीब!!
4
स्वप्न में गाँव
सर पे हाथ फेरे
लगूँ मैं पाँव।
5
है सपनों में
गाँव, पिकी की कूक
मन में हूक।
6
नींद में दिखें
गाँव, खेत, पीपल
नैना सजल।
7
दूर बसेरा
पर तुम्हारा डेरा
सपना मेरा!
8
आँखों में बसी
तू छोड़के अलका
नेह छलका!! *
9
नींद में आती
दे थपकी तू गाती
ख्वाबों की लोरी।
10
साथ तो छूटा!
ख्वाबों में गले मिले
क्रम न टूटा।
11
देवी- सी तुम
सपने में जो आतीं
प्राण जिलातीं।
-0-
*( स्व . सहोदरा सरस्वती को समर्पित )
-0-
2-विभा रश्मि
1
बरखा बूँदें,
छलक गई झील
लबालब हो ।
2
नीर प्रवाह
सहृदया थी झील
सदा तरला ।
3
आकाश झाँका
दर्पण – झील डूबा
स्वयं को आँका ।
4
चाँदनी निशा
झील झिलझिलती
लिखती पाती ।
5
झील प्रिया ने
लहरों की नाव में
ओढ़ी चूँदरी ।
6
खग तैरते
नीर को उलीच के
पंख भिगोते ।
7
शिकारे वाला
दिनभर चलाता
किस्मत – चप्पू ।
8
फूल- सी प्रिया
झील का दिल सच्चा
देख मुस्काई ।
-0-
3-कपिल कुमार
1
तिमिर दौड़ा
उषा ने ज्यों लगाया
धोबीपछाड़।
2
दीप लगाता
तम को अखाड़े में
बगलडूब।
3
जुगनू मारे
ज्यों कलाजंग दाव
तमस चित्त।
4
उषा ज्यों आई
तम ने भोर में ही
मुँह की खाई।
5
भोर ने किया
तम को चेकमेट
उषा की चाल।
6
उषा ज्यों आई
हुआ तम बेचारा
नौ-दो ग्यारह।
7
दीप के नीचे
ज्यों आस्तीन का साँप
बैठा है तम।
8
उषा-तमाचा
भोर में तम ढूँढे
ठोर-ठिकाना।
9
भोर की बेला
पहाड़ों से निकला
रवि अकेला।
10
भोर में रवि
खराब कर देता
तम की छवि।
11
उषा-उजास
तम के लिए बने
गले की फाँस।
-0-
चेकमेट:- (शतरंज में) शहमात; ऐसी स्थिति जिसमें विपक्षी अपने बादशाह को बचा न सके और हार हो जाए।
-0-
आदरणीया विभा रश्मि जी एवं कपिल कुमार जी को सुंदर सृजन की हार्दिक बधाई।
सादर
By: rashmivibhatripathi on जून 25, 2022
at 9:58 अपराह्न
मेरे हाइकु प्रकाशित करने हेतु आदरणीय सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार।
सादर
By: rashmivibhatripathi on जून 25, 2022
at 9:59 अपराह्न
बहुत खूबसूरत हाइकु रचने के लिए तीनों हाइकुकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
By: भीकम सिंह on जून 25, 2022
at 10:23 अपराह्न
हम सभी के हाइकु प्रकाशित करने हेतु आदरणीय सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार।
रश्मि विभा त्रिपाठी एवं विभा रश्मि जी को हार्दिक बधाई।
By: gurjarmathskapil on जून 26, 2022
at 12:04 अपराह्न
अति सुंदर सृजन।रश्मि जी, विभा जिऐर कपिल जी को बधाई।
By: प्रीति अग्रवाल on जून 26, 2022
at 1:50 अपराह्न
वाह ! एक से बढ़कर एक हाइकु
रश्मि जी , विभा जी एवं कपिल जी को बधाई
By: Dr. Purva Sharma on जून 26, 2022
at 6:53 अपराह्न
रश्मि विभा त्रिपाठी जी ,कपिल कुमार जी सुन्दर हाइकु अभिव्यक्ति के लिये हार्दिक बधाई लें ।
By: vibharashmi on जून 27, 2022
at 2:33 पूर्वाह्न
मेरे हाइकुओं को स्थान देने के लिये संपादक द्वय का दिली आभार ।
मेरे हाइकुओं को पसंद करने के लिए रश्मि विभा त्रिपाठी जी ,भीकम सिंह जी ,कपिल जी ,प्रीति अग्रवाल जी , पूर्वा शर्मा का हृदय से शुक्रिया।
By: vibharashmi on जून 27, 2022
at 2:39 पूर्वाह्न
सुंदर सृजन के लिए तीनों हाइकुकारों को हार्दिक बधाई।
By: Krishna Verma on जून 28, 2022
at 10:19 अपराह्न
बहुत सुन्दर-सुन्दर हाइकुओं के लिए रश्मि जी, विभा जी और कपिल जी को हार्दिक बधाई।
By: Dr.Jenny shabnam on जून 29, 2022
at 3:03 अपराह्न
अच्छे हाइकु सृजन के लिए आप तीनों की लेखनी को नमन-बधाई।
By: ramesh kumar soni on जुलाई 4, 2022
at 8:01 अपराह्न
अच्छे हाइकु के लिए आप सभी को मेरी बधाई
By: प्रियंका+गुप्ता on जुलाई 6, 2022
at 3:18 पूर्वाह्न