1-अशोक ‘आनन’
1
नन्हे मेघों की
खुल गईं शालाएँ
आषाढ़ मास।
2
नभ में आई –
बादलों की बारात
नाचती – गाती ।
3
बूँदों के बस्ते –
लेकर शाला चले
नन्हे बादल ।
4
नदी – देह को –
ज्यों ही पानी ने छुआ –
वे पानी हुईं ।
5
बूँदें चल दीं –
मेघ-उँगली छुड़ा
धरा सींचने ।
6
प्यासी – नदियाँ –
पानी – पानी हो गईं
नैन सुखाने ।
7
बादल छाए –
मन – मयूरा नाचा
तुम न आए ।
8
पानी बरसा –
बहुत दिनों बाद
देह सुलगी।
9
बरस पड़े –
धरा की दशा देख
मेघों के नैन ।
10
साजन – घर –
चली , डोली में बैठ
ग्रीष्म – दुल्हन ।
11
मेघों की डोली –
बूँदों की दुल्हनिया
हवा कहार ।
12
बजने लगे –
मेघों के झुनझुने
आषाढ़ मास।
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Email : ashokananmaksi@gmail.com
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2-पुरुषोत्तम श्रीवास्तव ‘पुरु’
1
मुझे ना तोड़ो
जी, पूरा खिलने दो
अभी कली हूँ।
2
खिला यौवन
सतरंगी सपने
क्षण में बीते।
3
किससे बाँटे
दुख-दर्द अपने
ठूँठ बेचारे।
4
काम-कजरी
अंतस पर छाए
विवेक जाए।
5
मन का कोना
वहाँ बैठ सोचना
कौन अपना।
6
झरता पत्ता
फिर याद दिलाए
मृत्यु अटल।
7
दंभी बदली
कोई ढक ना सके
सूर्य अनंत
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पुरुषोत्तम श्रीवास्तव ‘पुरु’
111/191 मध्यम मार्ग, मानसरोवर जयपुर
purupurujaipur@gmail.com
मेघों और वर्षा का सजीव चित्रण करते बहुत सुंदर हाइकु। बधाई अशोक आनन जी।
किससे बाँटे
दुख-दर्द अपने
ठूँठ बेचारे। सभी हाइकु उम्दा। बहुत बहुत बधाई पुरुषोत्तम श्रीवास्तव जी
By: sudershanratnakar on जून 22, 2022
at 9:38 अपराह्न
बहुत सुंदर हाइकु….अशोक आनन जी, पुरुषोत्तम श्रीवास्तव जी बहुत बहुत बधाई।
By: krishnaverma on जून 22, 2022
at 10:01 अपराह्न
वर्षा ऋतु का चित्रण करते खूबसूरत हाइकु
दर्शन संबंधित हाइकु भी बेहतरीन
अशोक जी एवं पुरषोत्तम जी को बधाई
By: Dr. Purva Sharma on जून 23, 2022
at 1:28 पूर्वाह्न
सभी हाइकु अति उत्तम! अशोक जी एवं पुरषोत्तम जी को हार्दिक बधाई!
By: gurjarmathskapil on जून 23, 2022
at 3:26 पूर्वाह्न
अति सुंदर हाइकु रचने के लिए पुरषोत्तम जी और अशोक जी को बधाई!!
By: प्रीति अग्रवाल on जून 23, 2022
at 4:51 पूर्वाह्न
बहुत सुंदर हाइकु।
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर
By: rashmivibhatripathi on जून 24, 2022
at 8:50 अपराह्न
सभी हाइकु बहुत सुन्दर। अशोक जी एवं पुरुषोत्तम जी को बधाई।
By: Dr.Jenny shabnam on जून 25, 2022
at 1:07 पूर्वाह्न