Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | अप्रैल 14, 2021
2150-हाइकु विधा पर वैश्विक विमर्श
‘हाइकु विधा पर चर्चा’ विषय पर 10 अप्रैल को वैश्विक चर्चा मॉरिशस के उच्चायोग एवं विश्व हिन्दी सचिवालय के तत्त्वावधान में आयोजित की गई। साहित्य-संवाद और सृजन आस्ट्रेलिया ने इस आयोजन में सहयोग किया।इस चर्चा को निमन्लिखित लिंक पर देखा और सुना जा सकता है –
हाइकु चर्चा एवं प्रस्तुति क्रम-
विशेष उपस्थिति– उप उच्चायुक्त: महामहिम श्री जनेश केन
अध्यक्ष: प्रो. विनोद कुमार मिश्र
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श्री रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ (भारत)-चर्चा एवं हाइकु पाठ
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डॉ. कुँवर दिनेश सिंह(भारत)-चर्चा एवं हाइकु पाठ
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डॉ. कविता भट्ट (भारत)-हाइकु पाठ
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श्री कविराज बाबू (मॉरिशस)-हाइकु पाठ
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श्रीमती भावना सक्सैना (भारत)-हाइकु पाठ
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डॉ. पूर्वा शर्मा(भारत)-हाइकु पाठ
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श्रीमती कृष्ण वर्मा (कैनेडा)-हाइकु पाठ
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श्रीमती रचना श्रीवास्तव (केलिफोर्निया)-हाइकु पाठ
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डॉ. शैलेश गुप्त ‘वीर’ (भारत)-हाइकु पाठ
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डॉ.शैलेश शुक्ल (भारत)-हाइकु पाठ
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डॉ. शैलजा सक्सैना (कैनेडा)-हाइकु पाठ
प्रो. विनोद कुमार मिश्र (अध्यक्षीय उद्बोधन)
श्रीमती सुनीता पाहुजा (धन्यवाद ज्ञापन)
संचालन: श्रीमती कल्पना लालजी, श्रीमती अंजू घरभरनल(मॉरिशस
प्रतिवेदन
भारतीय उच्चायोग, इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, विश्व हिंदी सचिवालय,सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका एवं साहित्य संवाद समिति के तत्त्वावधान में अमृत महोत्सव के अंतर्गत शनिवार10.04.2021 को मासिक साहित्य-संवाद गोष्ठी सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई। इस गोष्ठी में हाइकु विधा पर चर्चा एवं प्रस्तुति निर्धारित थी, जिसमें उप उच्चायुक्त महामहिम श्री जनेश केन जी की विशेष उपस्थिति एवं सारगर्भित सन्देश से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
भारत से श्री रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’जी ने हाइकु पर विस्तृत जानकारी दी। उसके लेखन में पाँच सात पाँच के वर्णक्रम से सत्रह वर्णों की रचना ही हाइकु कहलाती है। काम्बोज जी ने इस विधा में प्रकाशित विविध ग्रन्थों की सामग्री एवं हाइकु रचनाकारों की भी जानकारी दी। डॉ कुँवर दिनेश सिंह जी ने हाइकु के अनुवाद और समीक्षा पर विस्तृत चर्चा की।दोनों वक्ताओं ने क्रमशः अपने हाइकु भी प्रस्तुत किए। कैनेडा से श्रीमती कृष्णा वर्मा एवं डॉ शैलजा सक्सैना, केलिफोर्निया से श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने भी स्वरचित रचनाओं से देश विदेश से जुड़े हिंदी प्रेमियों का मन जीत लिया।भारत से अन्य हाइकुकारों ने अपनी प्रस्तुति से समा बाँधे रखा। डॉ.कविता भट्ट, भावना सक्सैना, डॉ. पूर्वा शर्मा, डॉ.शैलेश गुप्त, सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका के संपादक डॉ.शैलेश शुक्ल ने अपने-अपने हाइकु प्रस्तुत कर इस विधा पर अधिकार सहित हिंदी, देशप्रेम एवं प्राकृतिक सौंदर्य का मानो सजीव चित्रण ही कर डाला।
स्थानीय साहित्यकार सम्मानीय डॉ इंद्रदेव भोला इंद्रनाथ द्वारा हाइकु संग्रह से चयनित हाइकु की प्रस्तुति कविराज बाबू द्वारा प्रस्तुत की गई।
रश्मि विभा त्रिपाठी जी कार्यक्रम के प्रारंभ से जुड़ी हुई रहीं और हाइकु विधा में उनकी विशेष रुचि को ध्यान में रखकर उन्हें हाइकु प्रस्तुति के लिए प्रतिभागियों की सूची में जोड़ा गया। उन्होंने भी अपने हाइकु सुनाए।
मंच संचालन सहित हाइकु प्रस्तुतियाँ कल्पना लालजी एवं समन्वयक अंजू घरबरन द्वारा की गईं।
अध्यक्ष महोदय प्रो. विनोद कुमार मिश्र जी के अत्यंत ही उत्कृष्ट उद्बोधन एवं स्वर्गीय सुषमा स्वराज पर श्रद्धांजलि स्वरूप रचे हाइकु प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम की सभी प्रस्तुतियों पर अपनी प्रशंसनीय टिप्पणियों सहित द्वितीय सचिव सुनीता पाहुजा द्वारा धन्यवाद-ज्ञापन से औपचारिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
समापन के उपरांत रोचक विधा हाइकु प्रस्तुति के साथ देश-विदेश के आभासी मंच से जुड़े हिंदी प्रेमियों के अन्य प्रस्ताव एवं विचार जुड़ते रहे।
यह कार्यक्रम विश्व हिंदी सचिवालय एवं भारतीय उच्चायोग मॉरिशस के फ़ेसबुक पर भी लाइव था।
हाइकु वेब संगोष्ठी के लिए श्री रामेश्वर काम्बोज जी ने सभी प्रतिभागियों से संपर्क करवाने में विशेष भूमिका का निर्वाह किया,इसके लिए हम उनके आभारी हैं।भारतीय उच्चायोग एवं विश्व हिंदी सचिवालय एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका के पूर्ण सहयोग से के लिए विशेष आभार एवं कोटिशः धन्यवाद।
अंजू घरभरन -साहित्य संवाद-समन्वयक
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001-अप्रैल 10, हाइकु विमर्श, अंजु घरभरन, कल्पना लालजी, कविराज बाबू, कृष्णा वर्मा, डॉ.कविता भट्ट, डॉ.कुँवर दिनेश सिंह, डॉ.पूर्वा शर्मा, डॉ.शैलजा सक्सेना, डॉ.शैलेश शुक्ल, प्रो. विनोद कुमार मिश्र , भावना सक्सेना, रचना श्रीवास्तव, रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु', शैलेष गुप्त'वीर', श्री जनेश केन, सुनीता पाहूजा में प्रकाशित किया गया
अनमोल हाइकु कार्यक्रम
सादर धन्यवाद कम्बोज भैया
By: अनुपमा त्रिपाठी on अप्रैल 14, 2021
at 6:27 अपराह्न
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर हाइकु विधा पर केंद्रित आभासी संगोष्ठी का आयोजन उत्कृष्ट श्रेणी का रहा, आयोजक मंडल का हार्दिक धन्यवाद कि उनके प्रयास से विद्वान हाइककारों के विचार और हाइकु सुनने को मिले ।
आयोजनकर्ताओं का पुनः हार्दिक धन्यवाद ।
By: भीकम सिंह on अप्रैल 14, 2021
at 6:55 अपराह्न
हाइकु विधा पर स्तरीय संगोष्ठी के आयोजन के लिए भारतीय उच्चायोग, माॅरीशस तथा विश्व हिन्दी सचिवालय को साधुवाद! उत्कृष्ट हाइकु पाठ के लिए सभी प्रतिभागी हाइकुकारों को बहुत बहुत बधाई! हाइकु छंद तथा हिन्दी हाइकु के क्षेत्र में हो रहे कार्य पर ज्ञानवर्धक आख्यान के लिए आदरणीय श्री रामेश्वर काम्बोज जी को हार्दिक बधाई!!! 🌹
आयोजकों का बहुत बहुत आभार!
डाॅ. कुँवर दिनेश
By: डाॅ कुँवर दिनेश सिंह on अप्रैल 14, 2021
at 7:20 अपराह्न
इस वैश्विक आयोजन की वर्चुअल दर्शक बनना सुखद अनुभव रहा। हाइकु विधा के रचनाकार अनेक देशों से एक मंच पर जुड़े, हाइकु शिल्प पर आदरणीय रामेश्ववर कांबोज भैया का वक्तव्य ज्ञानवर्धक रहा, रचनात्मक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हुई और श्रेष्ठ हाइकुओं के श्रवण का आनंद
मिला।
आयोजकों को साधुवाद।
By: सुशीला शील राणा on अप्रैल 14, 2021
at 8:25 अपराह्न
हिंदी हाइकु पर एक बेहतरीन एवं सफल अंतरराष्ट्रीय आयोजन की आप सभी को बधाई । अमृत महोत्सव के अवसर पर देशभक्ति के हाइकु पहली बार पढ़े गए ये हमारे लिए गर्व की बात है। वेब की दुनिया में हाइकु गोष्ठी का अपना अलग अंदाज होता है, कोरोना के युग में अब इसकी आदत हमें बनानी होगी। ये हमारे लिए भी गर्व का विषय है कि हमने दुनिया को हिंदी हाइकु पर इतने सारे अनमोल ग्रंथ दिए हैं जो आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेगी।
शुभकामनाएँ।
By: ramesh kumar soni on अप्रैल 14, 2021
at 9:18 अपराह्न
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाइकु विधा पर प्रबुद्ध मंच द्वारा हाइकु विधा पर चर्चा, आदरणीय भैया रामेश्वर कांबोज द्वारा हाइकु शिल्प और हाइकु से संबंधित रचनात्मक गतिविधियों की जानकारी पा कर मन प्रफुल्लित हो गया।
सभी हाइकुकारों ने उत्कृष्ट हाइकु पढ़े। अनेक देशों से हाइकुकारों को एक मंच प्रदान करने के लिए आयोजकों को साधुवाद, नमन।
एक श्रेष्ठ आयोजन की साक्षी बनना बहुत सुखद अनुभव रहा।
पुनः बधाई एवं शुभकामनाएँ !
By: सुशीला शील राणा on अप्रैल 15, 2021
at 12:03 पूर्वाह्न
बहुत ज्ञानवर्धक एवं सुन्दर कार्यक्रम, आयोजकों को बहुत-बहुत बधाई।
By: सुरंगमा यादव on अप्रैल 15, 2021
at 1:28 पूर्वाह्न
हिन्दी हाइकु पर बेहतरीन आयोजन था. कार्यक्रम देखा मैंने. बहुत कुछ सीखने और समझने को मिला. हाइकु के बारे में काम्बोज भाई ने बहुत महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक चर्चा की. सभी हाइकुकार विद्वजनों को सुनना बहुत अच्छा लगा. वैश्विक मंच पर बेहद सफल कार्यक्रम के लिए आप सभी को हार्दिक बधाई.
By: Dr.Jenny shabnam on अप्रैल 15, 2021
at 2:21 पूर्वाह्न
मन्त्र मुग्ध -सा …समय जप रहा …हाइकु-मन्त्र ! सुन्दर आयोजन, सभी को हार्दिक बधाई !
By: ज्योत्स्ना शर्मा on अप्रैल 15, 2021
at 2:23 पूर्वाह्न
आप सभी को कार्यक्रम पसंद आया इसके लिए साहित्य संवाद समिति की ओर से सभी को धन्यवाद। कल्पना लालजी
By: कल्पना लालजी on अप्रैल 15, 2021
at 3:46 पूर्वाह्न
बहुत ही बढ़िया कार्यक्रम रहा, सबको देखना- सुनना, अपने आप के एक बहुत ही सुंदर और यादगार अनुभव!….एक से बढ़कर एक हाइकु सुनने को मिले, और आदरणीय काम्बोज भाई साहब ने हमेशा की तरह सुंदर मार्गदर्शन किया!.आभार!
By: प्रीति अग्रवाल on अप्रैल 15, 2021
at 11:58 पूर्वाह्न
अत्युत्तम कार्यक्रम।देशों की सीमाओं को तोड़ कर वैश्विक मंच पर एक साथ विविध भावों के उत्कृष्ट हाइकुओं का रसास्वादन करने को मिला।काम्बोज भैया के ज्ञानवर्धक वक्तव्य से हमेशा की तरह बहुत कुछ सीखने को मिला।मंच संचालन बहुत सुंदर था। इस यादगार आयोजन के लिए सभी आयोजकों एवं हाइकुकार विद्वज्जनों को हार्दिक बधाई।
By: sudershanratnakar on अप्रैल 16, 2021
at 1:40 अपराह्न