1-सुदर्शन रत्नाकर
1
झील- सी आँखें
देखतीं जब मुझे
डूबना तो है।
2
अक्स चाँद का
लिपटा है झील से
हो गए एक।
3
शांत है सोई
पर्वत की गोद में
आँख -सी झील।
4
एकांतवास
है शांत समाधिस्थ
पर्वतसुता।
5
नौका -विहार
झील के वक्ष पर
ख़ुशी अपार।
6
बर्फ़ है जमी
अहल्या-सी हो गई
सर्दी में झील।
7
यादों की नाव
तैरती है रहती
मन -झील में।
8
झील का जल
थरथराता रहे
चलें शिकारे।
9
नीरव रात
झील में उतरते
नहाने तारे।
10
तैरते हंस
झील -गोद में जब
माँ -सा सँभाले।
11
झील -जल में
खिल रहे कुमुद
स्वर्ग- कानन।
-0-
ई-29,नेहरू ग्राउंड ,फ़रीदाबाद 121001
मोबाइल न.9811251135
-0-
सुदर्शन रत्नाकर जी और प्रियंका जी के झील पर मनभावन हाइकु पढ़कर झील के कई चित्र उभर आए । बधाई आप दोनों को ।
By: vibharashmi on मार्च 8, 2021
at 2:37 पूर्वाह्न
बहुत सुंदर हाइकु प्रियंका जी। हार्दिक बधाई
प्रेम से ताके
झील पे बैठा चाँद
सोई धरा को ।
By: sudershanratnakar on मार्च 8, 2021
at 2:51 पूर्वाह्न
झील पर बहुत ख़ूबसूरत हाइकु… सुदर्शन रत्नाकर जी और प्रियंका जी हार्दिक बधाई।
By: krishnaverma on मार्च 8, 2021
at 3:21 पूर्वाह्न
झील पर सुन्दर हाइकु, आदरणीया रत्नाकर जी व प्रियंका जी को हार्दिक बधाई
By: Dr Kavita Bhatt on मार्च 8, 2021
at 4:40 पूर्वाह्न
झील पर लिखे गये बोलते से हाइकु बहुत ही सुन्दर लिखे हैं ,सुदर्शन जी व प्रियंका जी को बधाई स्वीकार हो |
पुष्पा मेहरा
By: pushpamehra on मार्च 8, 2021
at 4:48 पूर्वाह्न
….अहल्या सी हो गयी, सर्दी में झील।
….सुन रही थी बातें , प्रेम से पगी।
सुदर्शन दी और प्रियंका जी को सुंदर रचनाओं के लिए अनेकों बधाई!
By: प्रीति अग्रवाल on मार्च 8, 2021
at 6:46 पूर्वाह्न
बर्फ़ है जमी
अहल्या-सी हो गई
सर्दी में झील।। एवं
शांत-सी झील
सुन रही थी बातें
प्रीत से पगी ।
इन हाइकु में रचे गए नए भाव मुझे अच्छे लगे , बधाई ।
By: ramesh kumar soni on मार्च 8, 2021
at 1:17 अपराह्न
सुन्दर हाइकु हेतु हार्दिक बधाई
By: Dr Kavita Bhatt on मार्च 8, 2021
at 9:17 अपराह्न
सबका बहुत आभार इतनी प्यारी टिप्पणियों के लिए |
आदरणीय रत्नाकर जी के हाइकु बहुत मनभावन हैं, खास तौर से ये-
शांत है सोई
पर्वत की गोद में
आँख -सी झील।
अभी तक झील-सी आँखें होती थी, पर यह प्रयोग तो बहुत अनुपम है | मेरी बधाई
By: प्रियंका गुप्ता on मार्च 9, 2021
at 1:20 पूर्वाह्न
झील पर सुदर्शन रत्नाकर जी और प्रियंका गुप्ता के बेहतरीन हाइकु।दोनो को धन्यवाद।
By: शिवजी श्रीवास्तव on मार्च 9, 2021
at 5:13 अपराह्न
झील पर बहुत सुन्दर भावपूर्ण हाइकु. रत्नाकर जी और प्रियंका जी को बहुत बधाई.
By: Dr.Jenny shabnam on मार्च 10, 2021
at 6:39 अपराह्न