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रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ‘ लघुकथा रत्न’ से सम्मानित-2010
डॉ हरदीप कौर सन्धु ‘हाइकु -रत्न सम्मान’ से सम्मानित-2011
क्या आप भी हाइकु लिखना चाहते हो ?
https://hindihaiku.wordpress.com पर हिन्दी हाइकु पढ़िएगा । कुछ लोग हाइकु के नाम पर सपाटबयानी या एक पंक्ति को तोड़कर तीन
पंक्तियाँ बना दे रहे हैं , जिसमे न छन्द [5+7+5 =17] वर्ण ( मात्राएँ नहीं)] का निर्वाह होता है , न भाव ,विचार या कल्पना का ।कुछ इसे विदेशी/ आयातित कहकर उपेक्षित करना चाहते हैं । ऐसी सोच हमे अग्रगामी न बनाकर प्रतिगामी बनाती है । फिर तो हमें आधुनिक समाज और साहित्य की बहुत-सी कलाओं और विधाओंको दरकिनार करना होगा , जो कभी सम्भव नहीं।साहित्य देश-काल की सीमा में न बँधकर रहा है , न रहेगा ।
हाइकु पढ़ने और लिखने का अभ्यास हमारी संकीर्ण सोच को विशाल बनाता है । हमें ' मैं ' से ' हम ' बनाता है । अगर आप भी हाइकु लिखना चाहते हैं तो आपका हार्दिक स्वागत है ।
हमें नीचे दिए गए ई - मेल पर भेजें....
shabdonkaujala@gmail.com
सधन्यवाद !
डॉ हरदीप सन्धु
रामेश्वर काम्बोज
त्रिवेणी पढ़ने के लिए चित्र को क्लिक कीजिए- ( Click on the image below)
डॉ.कुमुद रामानन्द बंसल विविधता -भरे जग में मत रोको सृजनमत बाँधो सीमाओं में हृदय-स्पन्दन प्रार्थना बना दो इस जग का हर क्रन्दनतप,सत्य-साधना में बन जाओ कुन्दन । ज़िन्दगी की ढीली तारों को कस दे या रब !जीवन में कुछ तो रस दे । उम्मीद नहीं, मंज़िल नहीं,कारवाँ नहींसत्य हो साथ तो किसी की परवाह नहीं जग की कटुता ने जब -जब रुलाया परिन्दे को नई परवाज़ का ख़्याल आया।-0-जीवन […]
bahut aabhaar
By: jyotsna sharma on अगस्त 2, 2018
at 9:40 अपराह्न
दोनों संकलन यहाँ प्रस्तुत करने के लिए आभार
By: भावना सक्सैना on अगस्त 3, 2018
at 7:37 अपराह्न
साझा करने हेतु हार्दिक आभार !
~सादर
अनिता ललित
By: अनिता ललित on अगस्त 6, 2018
at 5:53 अपराह्न
यहाँ लिंक सांझा करके बहुत अच्छा किया…आभार
By: प्रियंका गुप्ता on सितम्बर 1, 2018
at 5:20 अपराह्न