1-रमेश कुमार सोनी
1
प्रकृति रूप
ऋतु वेश संवारें
जीवन न्यारे ।
2
वट की लटें
धरा छूने निकले
बच्चों के झूले ।
3
जंगल घने
चुनौती देते खड़े
घुसो तो जानें ।
4
वन की भाषा
पशु – पक्षी बोलते
हम ही भूले ।
5
गाँव निगले
कंक्रीट– अजगर
बने शहर
-0-बसना , छत्तीसगढ़ , मोबाइल – ९४२४२२०२०९
-0-
2-कशमीरी लाल चावला
1
पक्षी तो प्यासे
बूंद बूंद तरसे
आए ना मेघ
-0-
कश्मीरी चावला जी उम्दा हाइकु,रमेश जी सभी हाइकु बहुत सुंदर
By: सुनीता काम्बोज on जून 7, 2017
at 2:18 पूर्वाह्न
बहुत सुन्दर हाइकु…हार्दिक बधाई…|
By: प्रियंका गुप्ता on जून 9, 2017
at 5:39 अपराह्न
सभी हाइकु बहुत बहुत सुन्दर है. आप दोनों को बधाई.
By: डॉ. जेन्नी शबनम on जून 10, 2017
at 11:41 अपराह्न
सुंदर हाइकु हेतु सों जी को बधाई |
By: pushpamehra on जून 12, 2017
at 2:25 अपराह्न
रमेश जी व कशमीरी लाल जी के वन व प्रकृति के सुन्दर हाइकु । आप दोनों को बधाई ।
By: Vibha Rashmi on जून 13, 2017
at 12:59 अपराह्न