1-मंजू गुप्ता
1
दिये जलाओ
अमावस की रात
दिवाली मने ।
2
अँधेरी रात
दीपमालिका शुभ
संदेश लाई।
3
दीप रोशनी
ज्ञान प्रतीक बन
प्रेरित करे।
4
घर -घर में
सुख शांति बरसे
यही वर दो।
-0-
2-रंजना त्रिखा
1
स्वागत द्वार
सजीं दीप लड़ियाँ
आओ माँ लक्ष्मी ।
2.
दीप जलाए
रँगोली रचा कर
वन्दन करें।
3
रौशनी झारे
धरा पर उतारें
दीपावलियाँ ।
4
रौशनी फैला
मन –कलुष मिटा
हँसे दीवाली ।
5
नेह दीपक
प्रेम बाती फैलाए
अपनापन ।
6.
मिट्टी का दीप
स्नेहासिक्त बाती
रौशन जग ।
7
धरा उतरी
तारों जड़ी चुनरी
दीवाली रात ।
8
दीप से दीप
जले, झिलमिलाए
मन से मन ।
-0-
ranjanatrikha@gmail.com
-0-
3-चंचला इंचुलकर सोनी
1
दियों ने गाया
चीर कर अंधेरा
रोशनी राग।
2
श्री आगमन
भूमि अलंकरण
दीप सुमन ।
-0--ccsonic@gmail.com
4-रीता ठाकुर
1
दीप जलाओ
मिटे विश्व तमस
जगे रोशनी।
2
हैं जगमग
जले दीप माटी के
फैली रोशनी।
3
द्वार अल्पना
फूल रंग सज्जित
शुभकामना ।
4
दीप – शृंखला
सज गई दिशाएँ
नवेली राहें
-0-ritachaudhary.gmail.com
-0-
5-मीनाक्षी भटनागर
1
दीपावली हो
मन का हर कोना
आलोकमय।
2
दीप या गीत
मन प्रफुल्लित हो
झंकृत हृदय ।
3
आसमान में
बिखर गए रगं
सजी रंगोली।
4
आज हरेंगे
साँसो के दीप जला
सारे अँधेरे।
5
गीतों में आग
भावों में चिराग
आ मन जाग।
-0-mbf21b@gmail
-0-
6-पुष्पा सांघी
1
दीये -सा दिल
जला उमर भर
रोशन घर
2
नयन -दीप
जलते हरदम
आओ ना तुम ।
3
चाँद तारों की
हसरतें जलाके
हँसे पटाखे ।
4
ताश की बाजी
दिवाली में दिवाला
छूटा निवाला
-0-pushpasinghi.ctc@gmail.com
-0-
7-जितेंद्र प्रसाद माथुर
1
तम का नाश
करता छोटा दीप
जलाता तन ।।
2
मावस काली
शुभ हो दीपावली
आप सबकी ।।
3
रजनी रँगी
बारात दीपकों की
अन्धेरा भागे ।।
5
शुभ-कामना
ज्योति दिवस पर
आपको मेरी ।।
-0-
8-रंजना वर्मा
1
एक किरण
ढेर -सा अँधियारा
मिटाती रही ।
2
माटी का दिया
जब रौशन किया
अँधेरा पिया ।
3
दीपों की पाँत
तारिकाओं की भाँति
जगमगाती ।
4
श्रद्धा का दीप
शहीदों को अर्पित
प्रेम सहित ।
-0-ईमेल ranjana.vermad@gmail.com
आहा ! ……. अति मोहक प्रस्तुति। शुभकामनाएँ।
By: anita manda on अक्टूबर 29, 2016
at 9:23 अपराह्न
सरस्वती दीप साहित्यिक पत्रिका के सभी सदस्यों को इस प्रांगण में देख कर मन ख़ुशी से ज्योर्तिमय हो गया ।ह्रदय से संपादक द्वय का आभार ।स्नेह बनाये रहें । बहुत सुंदर सजा है दीपावली पर हिंदी हाइुक का आँगन चौबारा । सभी रचनाकारों को भी बधाई व शुभकामनाएँ ।
By: डाॅ सरस्वती माथुर on अक्टूबर 29, 2016
at 11:24 अपराह्न
बहुत सुंदर…सभी रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक हाइकु लिखें हैं…बधाई दीपोत्सव पर्व की ….
आंगन खिला
हिन्दी हाईकु सजा
दीपों के संग!!
डॉ.पूर्णिमा राय
By: drpurnimarai on अक्टूबर 30, 2016
at 12:03 पूर्वाह्न
…बहुत सुन्दर हाइकु रचे …..सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई !!!.
By: jyotsana pardeep on नवम्बर 2, 2016
at 3:50 अपराह्न
सबसे पहले मैं दिवाली पर दिए गए मेरे चार हाइगा को हिंदी हाइकु वेब पत्रिका में स्थान देने हेतुसम्पादक द्वय का आभार व्यक्त करती हूँ , दीपावली पर लिखे गये सभी के हाइकु अच्छे लगे | कभी – कभी अपने हाइकु का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए किसी दूसरे की दी गई पोस्ट से (haiga )में बिना नाम और बिना सिर के हाइकु लिखकर भेजना अनुचित है ,ऐसा करने पर मूल रूप से देने वाले को यदि हम भूल भी जाएँ तो भी हाइकु और haiga दोनों का ही असली स्वरूप बिगड़ जाता है और ऐसा हुआ भी मुझे अपना अधूरा haiga देख कर वैसा ही दुःख हुआ जैसा एक माँ को अपने शिशु के विकृत रूप को देख कर होगा |
पुष्पा मेहरा
By: pushpamehra on नवम्बर 2, 2016
at 5:05 अपराह्न
बहुत सुंदर हाइकु सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
By: sunita kambojसुनीता on नवम्बर 3, 2016
at 2:07 पूर्वाह्न
बहुत सुन्दर ,रुचिर ,मनोहर प्रस्तुति ..सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई !!
By: jyotsna sharma on नवम्बर 4, 2016
at 1:35 पूर्वाह्न
सुन्दर हाइकु और मनोरम हाइगा के लिए बहुत बहुत बधाई…|
By: प्रियंका गुप्ता on नवम्बर 7, 2016
at 2:30 अपराह्न