1-सुनीता अग्रवाल
1
बच्चे ने मारा
रंग– भरा गुब्बारा
गली अखाड़ा।
2
आया फागुन
बरषा गए रंग
उनके नैन ।
3
आया फागुन
रंगो में घुल गया
नीला आसमाँ ।
4
होली ,दिवाली
बाँट लिये त्योहार
बेटो की माँ ने ।
5
फिरे तितली
और रंग की चाह
लालची मन ।
-0-
2-मंजु महिमा
1
फागुन आया,
हवा फगुनाई– सी,
सिहरे मन।
2
फागुन रंग
रँगे तन ओ’ मन
पिया का संग।
3
हो गए हरे,
मन के सूखे वृक्ष,
फागुन आया।
4
ली अंगड़ाई,
मधुमास ने आज
रंग बरसा।
5
मलाली गुलाल,
तूने गुलाबी गाल
मचा बवाल ।
6
मचला मन,
साँसे गईं थिरक,
आया फागुन।
7
होलिका जली,
बच गया प्रह्लाद,
फैला आह्लाद।
8
टेसू रंग ले
खेले फाग पी संग,
मनवा आज।
9
थिरक रहीं
पत्तियाँ तरुओं की,
थाप बयार।
10
तुम ना जाना,
फागुन की तरह,
मौसम संग।
-0-
बी-३०५ , सनसेट-१, रहेजा विहार, चांदीवली, मुंबई-७२
-0-
3-जयचन्द प्रजापति
1
मेरा धीरज
रोज– रोज कहता
हँस लो प्यारे ।
2
दिल तरसे
गाये तेरी कहानी
अब आ प्रिये ।
3
सुबह बेला
गाये गीत– रागिनी
मन हरषे
4
तू जब आये
चाँदनी रात आये
सजना हँसे
-0-
जैतापुर,हंडिया,इलाहाबाद
ई-मेल-jaychand4455@gmail.com
जयचन्द प्रजापति, मंजु महिमा, सुनीता अग्रवाल जी मनमोहक हाइकू होली की बधाई .
By: manju gupta on मार्च 29, 2016
at 2:10 पूर्वाह्न
जयचन्द प्रजापति, मंजु महिमा, सुनीता अग्रवाल जी रंग भरे हाइकु होली की बधाई .
By: सीमा स्मृति on मार्च 29, 2016
at 2:27 पूर्वाह्न
रंग मय मनमोहक हाइकु —आप सभी रचनाकारों को बहुत बधाई ।
By: krishna verma on मार्च 29, 2016
at 2:38 पूर्वाह्न
सभी का हार्दिक आभार एवं होली की रंगभरी बधाई 😊जयचंद जी एवं मंजु जी सुन्दर सृजन
मेरा धीरज
रोज– रोज कहता
हँस लो प्यारे ।
हो गए हरे,
मन के सूखे वृक्ष,
फागुन आया।
By: Sunita agarwal on मार्च 30, 2016
at 12:49 पूर्वाह्न
सुंदर हाइकु ! कुछ होली के रंगों में रंगे, कुछ यादों में भीगे !
आप सभी को हार्दिक बधाई !!!
~सादर
अनिता ललित
By: anita on मार्च 30, 2016
at 6:51 अपराह्न
रंगीले मनभावन हाइकु की अनेकानेक बधाई ।
By: vibharashmi on मार्च 30, 2016
at 10:04 अपराह्न
मनमोहक हाइकु !आप सभी को हार्दिक बधाई !!!
By: jyotsana pardeep on अप्रैल 1, 2016
at 11:23 अपराह्न
होली के रंगों से सजे सुन्दर हाइकु !
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई !
By: jyotsna sharma on अप्रैल 5, 2016
at 5:48 अपराह्न
सुन्दर सजीले हाइकु के लिए आप सभी को बहुत बधाई…|
By: प्रियंका गुप्ता on अप्रैल 7, 2016
at 3:02 अपराह्न