गुलमोहर ने अपने जैसा भावों मे रंग भर कर हाइकुयों को मन भावन बना दिया ।सभी रचनाकारों ने अपने हाइकु से चित्र को और सुन्दर बना दिया ।सभी को हार्दिक शुभ कामना और बधाई।
By: kamla on अक्टूबर 12, 2015 at 8:26 पूर्वाह्न
गुलमोहर के चित्र को आधार बना कर लिखे गए सभी हाइकु बहुत सुन्दर हैं . भावना कुंवर का हाइकु तो मन को छू लेने वाला है.. सभी को शुभकामनाएं. सुरेन्द्र वर्मा.
सभी हाइगा बहुत सुंदर ! साथी रचनाकारों को हार्दिक बधाई!
हमारे हाइगा को स्थान देने के लिए सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार !
~सादर
अनिता ललित
By: anita on अक्टूबर 12, 2015 at 4:16 अपराह्न
गुलमोहर के चित्रों में हाइकु के माध्यम से सजीवता भरता शब्द विन्यास बहुत ही सुंदर है | सभी को बधाई|
पुष्पा मेहरा
By: pushpamehra on अक्टूबर 12, 2015 at 4:35 अपराह्न
गुलमोहर: फूल,पत्ती, रंग और वृक्ष है ही इतना मन भावन कि सैंकड़ों कवितायें उपजा देता है.
सभी कवियत्रियों ने सुन्दर भाव व्यक्त किये हैं, शुभकामनाएं !
भावना जी का हाइकु सुन्दरतम, अद्वितीय है…
By: Amit Agarwal on अक्टूबर 12, 2015 at 4:37 अपराह्न
सभी हाइगा लाजवाब
सभी को बधाई
By: manju gupta on अक्टूबर 12, 2015 at 8:59 अपराह्न
सभी हाइगा मनमोहक हैं । सभी को बधाई।
By: अनिता मंडा on अक्टूबर 13, 2015 at 12:54 पूर्वाह्न
गुलमोहर की भांति ही बहुत ख़ूबसूरत आप सबके हाइगा।
आप भी को हार्दिक बधाई।
By: krishna verma on अक्टूबर 13, 2015 at 2:33 पूर्वाह्न
गुलमोहर के रंगों में रंगे सुन्दर हाइकु हैं डॉ भावना कुंवर ,अनिता ललित .मंजूषा मन ,सुनीता जी और डॉ पूर्णिमा जी आपसभी को हार्दिक बधाई |
By: Savita Agrawal"savi" on अक्टूबर 13, 2015 at 7:30 पूर्वाह्न
gulmohar si sundarta liye pyare haiga….bhawna ji ,anita ji ,manjusha ji ,sunita ji evam purnima ji ko haardik badhai !
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रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ‘ लघुकथा रत्न’ से सम्मानित-2010
डॉ हरदीप कौर सन्धु ‘हाइकु -रत्न सम्मान’ से सम्मानित-2011
क्या आप भी हाइकु लिखना चाहते हो ?
https://hindihaiku.wordpress.com पर हिन्दी हाइकु पढ़िएगा । कुछ लोग हाइकु के नाम पर सपाटबयानी या एक पंक्ति को तोड़कर तीन
पंक्तियाँ बना दे रहे हैं , जिसमे न छन्द [5+7+5 =17] वर्ण ( मात्राएँ नहीं)] का निर्वाह होता है , न भाव ,विचार या कल्पना का ।कुछ इसे विदेशी/ आयातित कहकर उपेक्षित करना चाहते हैं । ऐसी सोच हमे अग्रगामी न बनाकर प्रतिगामी बनाती है । फिर तो हमें आधुनिक समाज और साहित्य की बहुत-सी कलाओं और विधाओंको दरकिनार करना होगा , जो कभी सम्भव नहीं।साहित्य देश-काल की सीमा में न बँधकर रहा है , न रहेगा ।
हाइकु पढ़ने और लिखने का अभ्यास हमारी संकीर्ण सोच को विशाल बनाता है । हमें ' मैं ' से ' हम ' बनाता है । अगर आप भी हाइकु लिखना चाहते हैं तो आपका हार्दिक स्वागत है ।
हमें नीचे दिए गए ई - मेल पर भेजें....
shabdonkaujala@gmail.com
सधन्यवाद !
डॉ हरदीप सन्धु
रामेश्वर काम्बोज
त्रिवेणी पढ़ने के लिए चित्र को क्लिक कीजिए- ( Click on the image below)
डॉ.कुमुद रामानन्द बंसल विविधता -भरे जग में मत रोको सृजनमत बाँधो सीमाओं में हृदय-स्पन्दन प्रार्थना बना दो इस जग का हर क्रन्दनतप,सत्य-साधना में बन जाओ कुन्दन । ज़िन्दगी की ढीली तारों को कस दे या रब !जीवन में कुछ तो रस दे । उम्मीद नहीं, मंज़िल नहीं,कारवाँ नहींसत्य हो साथ तो किसी की परवाह नहीं जग की कटुता ने जब -जब रुलाया परिन्दे को नई परवाज़ का ख़्याल आया।-0-जीवन […]
गुलमोहर ने अपने जैसा भावों मे रंग भर कर हाइकुयों को मन भावन बना दिया ।सभी रचनाकारों ने अपने हाइकु से चित्र को और सुन्दर बना दिया ।सभी को हार्दिक शुभ कामना और बधाई।
By: kamla on अक्टूबर 12, 2015
at 8:26 पूर्वाह्न
गुलमोहर के चित्र को आधार बना कर लिखे गए सभी हाइकु बहुत सुन्दर हैं . भावना कुंवर का हाइकु तो मन को छू लेने वाला है.. सभी को शुभकामनाएं. सुरेन्द्र वर्मा.
By: surendra verma on अक्टूबर 12, 2015
at 3:24 अपराह्न
सभी हाइगा बहुत सुंदर ! साथी रचनाकारों को हार्दिक बधाई!
हमारे हाइगा को स्थान देने के लिए सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार !
~सादर
अनिता ललित
By: anita on अक्टूबर 12, 2015
at 4:16 अपराह्न
गुलमोहर के चित्रों में हाइकु के माध्यम से सजीवता भरता शब्द विन्यास बहुत ही सुंदर है | सभी को बधाई|
पुष्पा मेहरा
By: pushpamehra on अक्टूबर 12, 2015
at 4:35 अपराह्न
गुलमोहर: फूल,पत्ती, रंग और वृक्ष है ही इतना मन भावन कि सैंकड़ों कवितायें उपजा देता है.
सभी कवियत्रियों ने सुन्दर भाव व्यक्त किये हैं, शुभकामनाएं !
भावना जी का हाइकु सुन्दरतम, अद्वितीय है…
By: Amit Agarwal on अक्टूबर 12, 2015
at 4:37 अपराह्न
सभी हाइगा लाजवाब
सभी को बधाई
By: manju gupta on अक्टूबर 12, 2015
at 8:59 अपराह्न
सभी हाइगा मनमोहक हैं । सभी को बधाई।
By: अनिता मंडा on अक्टूबर 13, 2015
at 12:54 पूर्वाह्न
गुलमोहर की भांति ही बहुत ख़ूबसूरत आप सबके हाइगा।
आप भी को हार्दिक बधाई।
By: krishna verma on अक्टूबर 13, 2015
at 2:33 पूर्वाह्न
गुलमोहर के रंगों में रंगे सुन्दर हाइकु हैं डॉ भावना कुंवर ,अनिता ललित .मंजूषा मन ,सुनीता जी और डॉ पूर्णिमा जी आपसभी को हार्दिक बधाई |
By: Savita Agrawal"savi" on अक्टूबर 13, 2015
at 7:30 पूर्वाह्न
gulmohar si sundarta liye pyare haiga….bhawna ji ,anita ji ,manjusha ji ,sunita ji evam purnima ji ko haardik badhai !
By: jyotsana pardeep on अक्टूबर 13, 2015
at 10:46 अपराह्न
मनमोहक हाइगा के लिए आप सभी को बधाई…|
By: प्रियंका गुप्ता on अक्टूबर 17, 2015
at 10:25 अपराह्न