Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | मई 3, 2014

जागा सवेरा


1-अनुपमा त्रिपाठी

1

आस का पंछी

उड़े निर्बाध जब

खिले सृजन 

2

कैसे रचाऊँ

नित नया सृजन

ये शब्द पूछें !!

3

उड़े बयार

शब्द उड़ा ले जाए

भरें उड़ान  

4

पंख पसार

उड़  जा उस पार

संदेसा ले जा

5

उड़ती जाऊँ

मैं  ढूँढ़-ढूँढ़ लाऊँ

शुभ   सृजन ।

6

जागा सवेरा

अब उड़ते  पंछी

नील वितान

-0-

-0-

2-सविता अग्रवाल “सवि”

1.

स्वेद बहाकर

थक, घर आकर

रात बिताते

2

आराम त्याग

धरती को संवारें

जन पलते

3

न कोई चिंता

सुख की ये करते

चैन से सोते

4

ख़्वाब न  कोई

पूरा जग अपना

श्रम जीवन

5

 जीवन जीना

शोलों पर चलना

न ही थकना

6

आज अन्धेरा

धो जाएगा सूरज

होगा प्रकाश

7

रवि के पाँव

धरती का आँचल

पेड़ों की छाँव

8

फूल से होंठ

गन्ने की छीलन को

छीलें तो कैसे ? 


प्रतिक्रियाएँ

  1. अनुपमा त्रिपाठी जी और सविता अग्रवाल ” सवि” आपको आपके सुन्दर सृजन के लिए हार्दिक बधाई।
    आपकी भावनाओं में शामिल होते हुए मैं इतना कहना चाहूँगा कि
    ” सवेरा जागा / उसे जागते देख / अंधेरा भागा। “

  2. “आस का पंछी “,”जागा सवेरा “…सुन्दर हाइकु अनुपमा जी ..बहुत बधाई !

    श्रमिको को समर्पित सुन्दर हाइकु …सविता जी …बधाई ..शुभ कामनाएँ !!

  3. सभी हाइकु सुन्दरअनुपमा जी, सविता जी ..बहुत बहुत बधाई !

  4. उत्कृष्ट हाइकु के लिए अनुपमा जी , सविता जी को बधाई .

  5. आज अन्धेरा

    धो जाएगा सूरज

    होगा प्रकाश ।
    अनुपमा जी,बहुत सुंदर हाइकु। बधाई

  6. सुधार के साथ पुन : प्रेषित टिप्पणी :
    आप दोनों के बहुत सुंदर हाईकू अनुपमा जी व सविता जी बधाई
    सविता जी…. वाह !
    आज अन्धेरा

    धो जाएगा सूरज

    होगा प्रकाश ।

    अनुपमा जी …..
    उड़े बयार

    शब्द उड़ा ले जाए

    भरें उड़ान ।
    बहुत खूब

  7. as ka panchi, ude nirbadh jab,khile srijan.anupama ji asha
    ki ashavadita vani ke madhyam se bahut sunder bhav hai.aj andhera,dho jayega suraj,hoga prakash. savita ji va anupama ji is sunder bhavavyakti ke liye ap dono ko badhai.
    pushpa mehra.

  8. अनुपमा जी…सृजन का सत्य दर्शाते हाइकु… अति सुन्दर ।
    हार्दिक बधाई आपको !

    सविता अग्रवाल जी… श्रमिकों के जीवन की कठोर सच्चाई का मार्मिक वर्णन ! सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई !

    ~सादर
    अनिता ललित

  9. sabhi haiku sunder…savita ji ,anupmaji ko badhai

  10. उड़े बयार
    शब्द उड़ा ले जाए
    भरें उड़ान ।
    बहुत सुन्दर…|

    आज अन्धेरा
    धो जाएगा सूरज
    होगा प्रकाश ।
    क्या बात है…|
    हार्दिक बधाई…|


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