Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | मई 8, 2011

माँ-2


1- डॉ हरदीप सन्धु

1

माँ के आँगन

गुड़िया पटोले से 

बिटिया खेले !

२.

माँ याद करे 

बेटी का बचपन 

गुड़िया देख !

3

माँ जान लेती 

चेहरा पढ़कर 

दिल की बात !

४.

माँ की रसोई 

पकवान बनते 

ममता -पगे !

५.

पानी बरसे 

मठरी गुलगुले 

माँ ने पकाए!

६. 

हवा में भरी 

माँ की रसोई की ये 

मीठी खुशबू!

७.

सबसे बड़ा 

है इस दुनिया का 

तीर्थ मेरी माँ !

८.

पारदर्शी माँ 

जब कुछ कहती 

दिल से सोचे !

९.

जीती -जागती

मूरत होती है माँ

प्रेम- दया की !

१०.

हर जगह

जा  नहीं  पाया रब 

तो माँ बनाई !

-0-

2-डॉ जेन्नी शबनम

1.

तौल सके जो
नहीं कोई तराजू
माँ की ममता!
2.

समझ आई
जब खुद ने पाई
माँ की वेदना!

3.

माँ का दुलार
नहीं है कोई मोल
है अनमोल!
4.

असहाय माँ
कह न पाई व्यथा
कोख़ उजड़ी!
5.

जो लुट गई
लाड़ में मिट गई
वो होती है माँ!
6.

प्यारी बिटिया,
बन गई वो माँ-सी
गई पी-घर!
7.

पराई हुई
घर-आँगन सूना
माँ की बिटिया!
8.

सारा हुनर
माँ से बिटिया पाए
घर बसाए!
9.

माँ का अँचरा
सारे जहाँ का प्यार
घर संसार!
10.

माँ का कहना
कभी नहीं टालना
माँ होती दुआ!
11.

माँ की दुनिया
अंगना में बहार
घर-संसार!

-0-

3-सुदर्शन रत्नाकर

1

माँ की ममता

सकल ब्रह्माण्ड में

नहीं समता

2

माँ तुम हो

धरती आकाश में

हर साँस में

3

दुआएँ  देती

सब दुख सहती

वह माँ होती

4

प्रेरणा देती

खुशियाँ ही बाँटती

स्वर्ग बनाती

5

कष्ट में होता

कहीं कोई , उसका

दिल है रोता

-0-

4-डॉ सतीशराज पुष्करणा

बाती -सी जली

हर दिन-रात को

हमारी माँ थी ।

-0-

5-कृष्ण कुमार यादव

1
माँ को मैं देखूँ

तो बार-बार सोचूँ

कितनी प्यारी!
2
माँ के बिन तो
अस्तित्व ही अधूरा
जग ये सूना।
3
माँ का आँ
चल
यह
कभी छूटे ना

कवच मेरा।
4
माँ की ममता
कोई मोल ही नहीं
अनमोल है।
5
ऐ माँ तुममें
ईश्वर है बसता
और कहीं ना।
-0-

6-सुभाष नीरव

1

 कोई न ऐसा

लुटाये जो ममता

जग में माँ -सी।

2

जग में होता

रब से बढ़कर

माँ का आँचल।

3

धरती जैसा

रखती है धीरज

जग में माँ ही।

4

खिलखिलाये

मासूम -सा चेहरा

माँ को पाकर

-0-

7– रमा द्विवेदी 

1

 होती नहीं माँ

हम-तुम न होते
सृष्टि  न होती ।

2

 माँ की दुआ से

पूरन हर काम
मेरा विश्वास ।

3

स्वर्ग  है कहीं ?

माँ के ही चरणों में
ढूँढ़ो तो सही

4

 माँ जो कलपे

सुख -समृद्धि जाए
लक्ष्मी न आए । 

 रहेंगे ॠणी

कब चुका पाएँगे
माँ अनमोल ।

-0-

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Responses

  1. बाती -सी जली
    हर दिन-रात को
    हमारी माँ थी ।

    khoobsoorat haaiku

  2. sare haiku sanjo ken rakhne yogya .ek garnth se lag rahe hain
    itne sunder sangrah ke liye bhai himanhu ji ko aur hardeep ji ko bahut bahut badhai ho
    rachana

  3. हाइकु के जरिये ‘माँ’ को याद करते इन सभी रचनाकारों को मेरा नमन ! माँ पर बहुत ही भावपूर्ण और मन को छूने वाले हाइकु आपने प्रस्तुत किये हैं, आपको बहुत बहुत बधाई और रचनाकारों को भी!

  4. सभी रचनाकरों के हाइकु बहुत सुन्दर व सार्थक हैं..सभी को हमारी मंगलकामनाएं व सभी मां ओं को शत-शत नमन …

  5. janani praan …../jab bulaya……/ khansti rahi…./mamta bante…../ye haiku aaj ke parivesh me MA ki yathharthh sthiti ka chitran karte hein. sabhi haiku bahut achchhe evam marmsparshi hain.mujhe shamil karne ke liye Hardeep jiee aur Himaanshu jee ko hardik dhanyavaad!

  6. mere haaiku ko yahan sthaan dene keliye aadarniya Hardeep ji aur aadarniy Kamboj bhai ka tahedil se shukriya. sabhi haaiku bahut hin achhe lage. sabhi ko badhai aur shubhkaamnaayen.

  7. mujhe yahan sthaan dene ke liye aadarniya Hardeep ji aur aadarniy Kaamboj bhai ka tahedil se shukriya. sabhi ke haiku padhe, sabhi bahut achhe lage. sabhi ko badhai aur shubhkaamnaayen.

  8. मनोरंजन | अपना ब्लॉग http://www.apnablog.co.in/entertainment
    apnablog.co.in – [ Translate this page ]
    माँ पर हाइकु. माँ पर हाइकु*******1. तौल सके जोनहीं कोई तराजूमाँ की ममता!2. समझ आईजब खुद ने पाईमाँ की वेदना!3. माँ का दुलारनहीं है कोई मोलहै अनमोल!4. असहाय माँकह न पाई व्यथाकोख़ उजड़ी!5. …
    http://www.apnablog.co.in/entertainment – Cached – Block all apnablog.co.in results
    लगता है उस मैतर को ब्लॉक कर दिया है ।
    काम्बोज
    भाई साहब किसी ने लगता है आपको डॉ जेन्नी शबनम के हाइकु भेजे हैं पर वह पेज नज़र नहीं आ रहा है ।ये हिन्दी हाइकु पर छप चुके हैं ।कहीं किसी चोर कवि ने दूसरे नाम से तो नहीं भेज दिए होंगे । आप उनका नाम बताने की मेहरबानी करेंगे ।चुराकर बोली में बदले हाइकु ये हैं जो आपके ब्लाग पर अब नज़र नहीं आ रहे हैं- -तौल सके जोनहीं कोई तराजूमाँ की ममता!2. समझ आईजब खुद ने पाईमाँ की वेदना!3. माँ का दुलारनहीं है कोई मोलहै अनमोल!4. असहाय माँकह न पाई व्यथाकोख़ उजड़ी!5.
    आपका
    रामेश्वर काम्बोज हिमांशु
    rdkamboj@gmail.com
    हिन्दी हाइकु से डॉ जेन्नी शबनम के हाइकु किसी चोर लेखक ने अनुवाद करके http://www.apnablog.co.in/entertainment भेजे थे , जो अब वहा नज़र नहीं आ रहे हैं।

  9. माँ को माँ के प्यार को समर्पित सभी हाइकु बहुत सुंदर हैं इस ग्रन्थ को सब संग बांटने के लिए रामेश्वर भाईसाहब और डॉ संधू को हार्दिक धन्यवाद.
    सादर
    अमिता

  10. सभी रचनायें किसी अमूल्य खजाने से बढ़कर हैं. सभी की मेहनत को मेरा प्रणाम

  11. माँ के स्नेह को परिभाषित करते सभी हाइकु बहुत सुन्दर ।बहुत बधाई सब को ।काम्बोज भाई व डाॅ. संधू जी को हाइकु हम से साझा करने के लिए आभार ।


रचनाओं से सम्बन्धित आपकी सार्थक टिप्पणियों का स्वागत है । ब्लॉग के विषय में कोई जानकारी या सूचना देने या प्राप्त करने के लिए टिप्पणी के स्थान पर पोस्ट न करके इनमें से किसी भी पते पर मेल कर सकते हैं- hindihaiku@ gmail.com अथवा rdkamboj49@gmail.com.

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